रूसी सेना के खिलाफ आम जनता ने उठाया हथियार; जंग के लिए कैदियों को रिहा करेगा यूक्रेन
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रूसी सेना के खिलाफ आम जनता ने उठाया हथियार; जंग के लिए कैदियों को रिहा करेगा यूक्रेन

RUSSIA UKRAINE WAR: रूसी सैनिक रविवार को खारकीव के बाहरी इलाके तक पहुंच गए हैं. बाकी इलाकों में सेना भीतरी क्षेत्रों में दाखिल होने की कोशिश कर रही है.

अलामती तस्वीर
अलामती तस्वीर

कीवः यूक्रेन के कई हवाई अड्डों, ईंधन केंद्रों और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद इतवार को रूसी सेना ने दक्षिण क्षेत्र में स्थित रणनीतिक बंदरगाहों पर भी नियंत्रण करन का प्रयास किया लेकिन शहरों में उसे जबरदस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा. राजधानी कीव सुबह धमाकों से दहल उठी. अधिकारियों ने एक हवाई अड्डे पर विस्फोट की सूचना दी है. शहर की सुनसान पड़ी मुख्य सड़कों पर गिनती की कारें ही दिखीं. कीव में 39 घंटे के कर्फ्यू के कारण लोग सड़कों से दूर रहे. रूसी सैनिक रविवार को खारकीव के बाहरी इलाके तक पहुंच गए हैं. खारकीव रूस की सीमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर है. बाकी इलाकों में सेना भीतरी क्षेत्रों में दाखिल होने की कोशिश कर रही है.

हमलावर सैन्य-असैन्य सभी स्थानों को निशाने पर ले रहे हैं
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा, ‘‘पिछली रात कठिन थी. भीषण गोलाबारी हुई, रिहायशी क्षेत्रों में भी बमबारी की गई और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया. हमलावर सैन्य-असैन्य सभी स्थानों को निशाने पर ले रहे हैं.’’ रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के मुताबिक सैन्य बढ़त बनाने के बाद रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को बेलारूस भेजा. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अन्य स्थानों पर वार्ता का प्रस्ताव देते हुए कहा कि उनका देश बेलारूस में बैठक करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उसने आक्रमण में रूस की मदद की है. 

आम लोग रूसी फौज से लड़ने के लिए आ रहे हैं सामने 
यूक्रेन के आम लोग भी स्वेच्छा से कीव और अन्य शहरों की रक्षा में मदद करने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने अधिकारियों द्वारा वितरित बंदूकें लीं और रूसी सेना से लड़ने के लिए मोर्चा संभाल लिया. सरकार सैन्य अनुभव रखने वाले कैदियों को रिहा कर रही है जो देश के लिए लड़ना चाहते हैं. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने जवाबी कदम के साथ यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करने तथा मास्को को और अलग-थलग करने के इरादे से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं.

रूस ने बुराई का रास्ता चुना हैः जेलेंस्की
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण नरसंहार की दिशा में उठाया गया कदम है. उन्होंने कहा, ‘‘रूस ने बुराई का रास्ता चुना है और दुनिया को उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर देना चाहिए.’’ रूस सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जिसके चलते उसके पास प्रस्तावों को वीटो करने की शक्ति है. जेलेंस्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण को यूक्रेन के शहरों पर रूस के हमलों की जांच करनी चाहिए. उन्होंने रूसी आक्रमण को ‘‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’’ करार दिया.

जर्मन देगा 100 अरब यूरो की मदद 
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा है कि जर्मनी अपने सशस्त्र बल विशेष कोष में 100 अरब यूरो देने जा रहा है, जिसके साथ ही देश का रक्षा खर्च बढ़कर कुल जीडीपी का दो प्रतिशत हो जाएगा. अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ओक्साना मार्करोवा ने कहा कि यूक्रेन रिहायशी क्षेत्रों, किंडरगार्टन और अस्पतालों पर गोलाबारी के सबूत इकट्ठा कर रहा है. ये सबूत हेग में एक अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अदालत में प्रस्तुत किए जाएंगे.

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