कौन हैं इजराइल के नए PM नफ्ताली बेनेट? फिलिस्तीन को लेकर रखते हैं ऐसी सोच
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कौन हैं इजराइल के नए PM नफ्ताली बेनेट? फिलिस्तीन को लेकर रखते हैं ऐसी सोच

उनकी घोर राष्ट्रवादी यामिना पार्टी ने मार्च में हुए चुनाव में 120 सदस्यीय नेसेट (इजराइल की पार्लियामेंट) में महज सात सीटें जीती थीं 

फाइल फोटो

यरुशलम: इजराइल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर रविवार को नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने शपथ ले ली. पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कभी बेहद करीबी रहे बेनेट ने उनकी गलत नीतियों का विरोध कर आज यह मकाम हासिल किया है.

49 साल बेनेट सियासत में आने से पहले टेक एंटरप्रेन्योर रह चुके हैं. एक पूर्व स्पेशल फोर्स कमांडो, बेनेट अमेरिका में जन्मे माता-पिता के बेटे हैं. बेनेट अभी अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ इजरायल के रानाना में रहते हैं. वो एक आधुनिक रूढ़िवादी यहूदी, इजरायल के पहले प्रधान मंत्री होंगे जो नियमित रूप से एक किप्पा पहनते हैं, जो कि यहूदियों द्वारा पहना जाता है. 

साल 2006 में उन्होंने नेतन्याहू के नेतृत्व में सियासत में एंट्री ली थी. इसके बाद वह नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ बनाए गए. साल 2012 में नफ्ताली बेनेट द जुइश होम नाम की पार्टी पर संसद के लिए चुने गए. बाद में वे न्यू राइट और यामिना पार्टी से भी नेसेट के मेंबर बने. 2012 से 2020 के बीच नेफ्टाली 5 बार इजरायली पार्लियामेंट के सदस्य बन चुके हैं. 2019 से 2020 के बीच वह इजरायल के रक्षा मंत्री भी रहे हैं. नेतन्याहू के 12 साल के शासन को खत्म करने के लिए बेनेट ने मध्य और वाम धड़े की पार्टियों से हाथ मिलाया है.

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बेनेट लंबे वक्त तक नेतन्याहू का दाहिना हाथ रहे लेकिन वह उनके गठबंधन के तौर तरीकों से नाखुश थे. पार्लियामेंट में कम बहुमत के बावजूद वह दक्षिणपंथी, वामपंथी और मध्यमार्गी पार्टियों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने में कामयाब रहे और इस वजह से आगे उनके लिए रास्ता आसान नहीं होगा.

उनकी घोर राष्ट्रवादी यामिना पार्टी ने मार्च में हुए चुनाव में 120 सदस्यीय नेसेट (इजराइल की पार्लियामेंट) में महज सात सीटें जीती थीं लेकिन उन्होंने नेतन्याहू या अपने विरोधियों के आगे घुटने नहीं टेके और ‘किंगमेकर’ बन कर उभरे. अपनी धार्मिक राष्ट्रवादी पार्टी से एक मेंबर के पार्टी छोड़ने के बावजूद आज सत्ता का ताज उनके सिर पर है.

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बेनेट फिलिस्तीनी स्वतंत्रता के खिलाफ हैं और वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में यहूदी बस्तियों के बड़े हिमायती हैं. जिसे फलस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई देश शांति की प्रक्रिया में बड़ा अवरोधक मानते हैं.

अमेरिका के उस वक्त के राष्ट्रपति बराक ओबामा के दबाव में आकर बस्तियों के तामीरी काम को धीमा करने के नेतन्याहू के कदम का बेनेट ने जबरदस्त विरोध किया था. हालांकि अपने पहले मियाद में ओबामा शांति प्रक्रिया बहाल करने में नाकाम रहे थे.

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इजराइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के चीफ योहानन प्लेज्नर ने कहा, "वह एक दक्षिणपंथी नेता हैं, सुरक्षा को लेकर सख्त हैं, लेकिन वह एक व्यावहारिक सोच रखने वाले नेता हैं." उन्‍होंने कहा कि बेनेट औरों की हिमायत लेकर खुद को राष्‍ट्रीय नेता बनाने की कोशिश करेंगे. उधर, नेतन्‍याहू के हिमायती उन्‍हें एक धोखेबाज और जनमत के खिलाफ बताते हुए कह रहे हैं कि बेनेट ने मतदाताओं के साथ विश्‍वासघात किया है.

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