पाकिस्तान की इस जेल में हर साल कैदियों के पांव धोकर चूमे जाते हैं, जानिए वजह
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पाकिस्तान की इस जेल में हर साल कैदियों के पांव धोकर चूमे जाते हैं, जानिए वजह

Easter Sunday: ईस्टर के मौके पर शिष्यों के पांव धोने की भी परंपरा अदा की जाती है. माना जाता है कि प्रभु यीशू ने अपने शिष्यों के पांव धोए थे और उन्हीं की याद में आज भी यह परंपरा अदा की जाती है लेकिन पाकिस्तान के एक पादरी इस मौके पर कराची की जेल में कैद कैदियों के पांव धोते हैं 

File Photo

Easter Sunday: हिंदुस्तान समेत दुनिया भर में ईस्टर का त्योहार मनाया जा रहा है. ईसाई धर्म में क्रिसमस डे और ईस्टर डे का बहुत महत्व है. ईस्टर संडे गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी संडे को मनाया जाता है. ईसाई मज़हब में इस दिन को लेकर कहा जाता है कि प्रभु यीशु इस दिन पुनर्जीवित हुए थे. इस त्योहार ईसाई मज़हब के मानने वाले बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान पार्थना और व्रत भी रखे जाते हैं. 

ईस्टर के मौके पर शिष्यों के पांव धोने की भी परंपरा अदा की जाती है. माना जाता है कि प्रभु यीशू ने अपने शिष्यों के पांव धोए थे और उन्हीं की याद में आज भी यह परंपरा अदा की जाती है लेकिन पाकिस्तान के एक पादरी इस मौके पर कराची की जेल में कैद कैदियों के पांव धोते हैं और चूमते भी हैं. इससे संबंधित बीबीसी उर्दू ने एक वीडियो अपने सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है. 

देखिए VIDEO

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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रस्म अदायगी के बारे में पादरी ने बीबीसी को बताया कि कुछ ऐसे कैदी हैं जिनके मुकदमों पर अभी फैसला नहीं हुआ है जबकि कुछ का हो चुका लेकिन हम इन दोनों में अंतर नहीं करते.

पादरी एशले नेवेन्स ने अतीत को अनुष्ठान का श्रेय देते हुए कहा कि यह दो प्रकार के संदेश देता है: पहला ईसाई समुदाय के सदस्यों के जीवन में नम्रता की शिक्षा है, और दूसरा चर्च के बाहर के लोगों के लिए संदेश है. लोग हैं वहां उनकी सेवा और समर्थन करने के लिए.

 

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