घर में साक्षात Laddu Gopal के वास के लिए स्थापित करें इस धातु की मूर्ति, खुद दिखेगा चमत्कार!
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घर में साक्षात Laddu Gopal के वास के लिए स्थापित करें इस धातु की मूर्ति, खुद दिखेगा चमत्कार!

Laddu Gopal Sthapana: कान्हा के बाल रूप को लड्डू गोपाल के नाम से जानते हैं. घर में लड्डू गोपाल की स्थापना करते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है. ऐसे में आज हम जानते हैं किस धातु के लड्डू गोपाल की मूर्ति घर में रखना लाभकारी होता है. 

laddu gopal puja rules

Ashtadhatu Ke laddu Gopal: हिंदू शास्त्रों के अनुसार घर में देवी-देवताओं की स्थापना करना और उनकी पूजा करने की परंपरा सदियों पुरानी है. लेकिन क्या आप जानते हैं घर में देवी-देवताओं की स्थापना करने से पहले कुछ नियमों का जान लेना बहुत जरूरी है. अगर आप भी घर में लड्डू गोपाल की स्थापना करना चाहते हैं, तो पहले उससे जुड़े नियमों के  बारे में जान लेना बेहद जरूरी है. 

शास्त्रों में कहा गया है कि घर में मूर्ति स्थापना करने से भगवान का वास होता है और किया गया पूजा-पाठ का शुभ फल मिलता है. उसी तरह लड्डू गोपाल की पूजा करने और घर में विधिपूर्वक स्थापना करने से घर में साक्षात भगवान का वास होता है. लेकिन ऐसा तभी संभव है, जब लड्डू गोपाल की सही धातु की मूर्ति की स्थापना की जाए. आइए जानते हैं लड्डू की स्थापना विधि और नियम. 

लड्डू गोपल की मूर्ति किस धातु की हो

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में लड्डू गोपाल की मूर्ति तांबा, पीतल, कांसा, चांदी और स्वर्ण धातु की हो सकती हैं. 

- लेकिन अष्टधातु के लड्डू गोपाल की स्थापना को शुद्ध और उत्तम माना गया है. 

- कहते हैं कि अष्टधातु से बने लड्डू गोपाल को घर में रखने से अष्ट रोगों, दुखों और दोषों से छुटकारा मिलता है.

- अष्ट धातु के लड्डू गोपाल घर में स्थापित करने से दिव्यता और पवित्रता बनी रहती है. 

- कहते हैं कि अगर घर में अष्टधातु की मूर्ति स्थापित की जाए, तो उनता साक्षात वास होता है. 

- कहते हैं कि घर में 6 इंच से ज्यादा बड़े लड्डू गोपाल की मूर्ति की स्थापना घर में नहीं करनी चाहिए. 

- अगर कोई इन चीजों को नजरअंदाज करता है, तो इससे वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं और शुद्धता भंग होती है. 

- कहते हैं कि घर में अष्टधातु के लड्डू गोपाल रखने के बाद दिन में 8 बार इन्हें भोग लगाया जाता है. 

यूं करें लड्डू गोपाल की पूजा 

- शास्त्रों के अनुसार लड्डू गोपाल की पूजा नहीं बल्कि सेवा की जाती है. 

- लड्डू गोपाल की स्थापना करने के बाद उन्हें बच्चे की तरह खिलाया, सुलाया और पिलाया जाता है. 

- लड्डू गोपाल की अष्टयाम सेवा की जाती है. मतलब आठ प्रहर की अलग-अलग रूप की सेवा का विधान है. 

- घर से बाहर जाते समय लड्डू गोपाल को घर में कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. 

- कहते हैं कि लड्डू गोपाल की सेवा में स्नान, भोग, वस्त्र, शयन, आरती, ऋंगार, आदि कर्म शामिल हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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