Economic Growth: कौन डाल रहा है आर्थिक वृद्धि में रोड़ा? वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी कर किया खुलासा
Advertisement
trendingNow11706770

Economic Growth: कौन डाल रहा है आर्थिक वृद्धि में रोड़ा? वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी कर किया खुलासा

Indian Economy: औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) और आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में वृद्धि हुई. इससे पहले, दो तिमाहियों में क्षमता उपयोग 75 प्रतिशत के आसपास रहा. आर्थिक गतिविधियों में निरंतर वृद्धि और क्षमता उपयोग बढ़ने से कंपनियों ने नई क्षमता निर्माण को लेकर निवेश करना शुरू कर दिया है.

Economic Growth: कौन डाल रहा है आर्थिक वृद्धि में रोड़ा? वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी कर किया खुलासा

Economy: वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियों और मौसम के स्तर पर अनिश्चितताओं को देखते हुए आर्थिक वृद्धि नीचे की ओर जा सकती है और यही कारक आर्थिक वृद्धि में रोड़ा बने हुए हैं. इसके साथ ही मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम है. वित्त मंत्रालय ने अप्रैल महीने की मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि खपत में मजबूती है और इसमें चौतरफा वृद्धि है. वहीं क्षमता सृजन और रियल एस्टेट में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है.

भारतीय अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अप्रैल में पूरे साल के आर्थिक परिणाम के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि, शुरुआत अच्छी हुई है.’’ इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2023-24 की शुरुआत पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही की मजबूत गतिविधियों के साथ हुई. अप्रैल में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह का आंकड़ा कर आधार के विस्तार और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि को बताता है.

चौथी तिमाही
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) और आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में वृद्धि हुई. इससे पहले, दो तिमाहियों में क्षमता उपयोग 75 प्रतिशत के आसपास रहा. आर्थिक गतिविधियों में निरंतर वृद्धि और क्षमता उपयोग बढ़ने से कंपनियों ने नई क्षमता निर्माण को लेकर निवेश करना शुरू कर दिया है. पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन के साथ निर्माण/बुनियादी ढांचा सामान के क्षेत्र में 2022-23 की चौथी तिमाही में वृद्धि बनी रही है.

बेहतर स्थिति
विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों की तरह कृषि क्षेत्र में भी संभावनाएं बेहतर बनी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, मानसून सामान्य रहने का अनुमान, जलाशयों में पानी की अधिक उपलब्धता, बीज और उवर्रकों की बेहतर उपलब्धता और ट्रैक्टर की अच्छी बिक्री खरीफ बुवाई मौसम के लिए बेहतर रहने की स्थिति को बयां करता है.

बेमौसम बारिश
बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं की सार्वजनिक खरीद सुचारू होना खाद्य सुरक्षा के लिहाज से अच्छा है. गांवों में मांग भी बढ़ रही है. यह 2022-23 की चौथी तिमाही में दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाली कंपनियों की मजबूत बिक्री और अप्रैल महीने में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की लगातार दहाई अंक में वृद्धि से पता चलता है..

किसानों की आय
रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में खरीफ मौसम में बेहतर संभावना, फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकार की बजटीय खर्च में वृद्धि से किसानों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 18 माह तक दहाई अंक में रहने के बाद अप्रैल 2023 में 33 महीनों के निचले स्तर शून्य से नीचे 0.9 प्रतिशत पर आ गयी.

मुद्रास्फीति 
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी अप्रैल, 2022 में 7.8 प्रतिशत के उच्चस्तर से इस साल अप्रैल में 18 महीने के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई. रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की संभावना और 2023-24 में खरीफ मौसम अच्छा रहने से खाद्य मुद्रास्फीति में आने वाले महीनों में नरमी आने की उम्मीद है.

निर्यात
निर्यात के बारे में वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र के अन्य देशों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के समर्थन से कपड़ा और सिले-सिलाये परिधानों की वैश्विक मौजूदगी बढ़ रही है. (इनपुट: भाषा)

जरूर पढ़ें:                                                               

सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बनते प्रॉपर्टी के मालिक, ये एक गलतफहमी अभी कर लें दूर NSE ने न‍िवेशकों को चेताया, यहां न‍िवेश करने वाले हो जाएंगे 'कंगाल'; आज ही न‍िकाल लें पैसा

Trending news