GDP: 2023-24 में 6.5% की दर से हो सकता है भारत का विकास, पिछले 9 सालों के सुधारों का मिलेगा फायदा
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GDP: 2023-24 में 6.5% की दर से हो सकता है भारत का विकास, पिछले 9 सालों के सुधारों का मिलेगा फायदा

India GDP Growth Rate: नीति आयोग (Niti Aayog) के पूर्व वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक ग्रोथ रेट (Economic Growth Rate) लगभग 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

GDP: 2023-24 में 6.5% की दर से हो सकता है भारत का विकास, पिछले 9 सालों के सुधारों का मिलेगा फायदा

GDP Growth Rate: देश के जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) को लेकर एक और अनुमान सामने आ रहा है. नीति आयोग (Niti Aayog) के पूर्व वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक ग्रोथ रेट (Economic Growth Rate) लगभग 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले नौ साल में जो सुधार किए हैं, उससे देश की व्यापक आर्थिक स्थिति को फायदा हो रहा है.

8 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ रेट की जरूरत

कुमार ने यह भी कहा कि भारत को आठ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की जरूरत है और देश ऐसा करने में सक्षम है. देश की युवा आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने और अपने कार्यबल के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करने के लिए आर्थिक वृद्धि को इस स्तर पर लाना जरूरी है.

6.5 प्रतिशत रह सकता है ग्रोथ रेट

उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में कहा है कि मेरा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी. मुझे लगता है कि हम अगले कुछ साल इस वृद्धि दर को आसानी से बनाए रख सकते हैं.'

2022-23 में 7.2 प्रतिशत 

भारत की जीडीपी वृदि दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही थी, जो 2021-22 के 9.1 फीसदी से कम है. भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है.

संभाला जा सकता है चालू खाता घाटा

कुमार ने आगे कहा कि भारत का चालू खाता घाटा संभाला जा सकता है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 11 महीने के आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जारी है.

रेटिंग एजेंसी ने भी बढ़ाया ग्रोथ रेट अनुमान

आपको ता दें इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 5.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सरकार के बढ़े हुए पूंजीगत व्यय, घरेलू कंपनियों एवं बैंकों के बही-खातों में कर्ज की कमी, वैश्विक जिंस कीमतों में नरमी और निजी निवेश में तेजी की उम्मीद जैसे कई कारकों की वजह से उसने वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया है.

इनपुट - भाषा एजेंसी

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