Indian Railways: सीनियर सिटीजन से छूट वापस ले रेलवे ने कमाए 5800 करोड़, अब आगे क्या है प्लान?
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Indian Railways: सीनियर सिटीजन से छूट वापस ले रेलवे ने कमाए 5800 करोड़, अब आगे क्या है प्लान?

Senior citizen train ticket concession news: कोरोना काल से पहले तक रेलवे की तरफ से सीनियर सिटीजन्स को ट्रेन टिकट (senior citizen train ticket) में छूट का फायदा मिलता था, लेकिन अब यह फायदा मिलना बंद हो गया है. 

Indian Railways: सीनियर सिटीजन से छूट वापस ले रेलवे ने कमाए 5800 करोड़, अब आगे क्या है प्लान?

Senior citizen train ticket concession: रेलवे की कमाई हर दिन बढ़ती जा रही है. यात्रियों की टिकट के अलावा भी इंडियन रेलवे (Indian Railways) कई तरह से कमाई कर रहा है. कोरोना काल से पहले तक रेलवे की तरफ से सीनियर सिटीजन्स को ट्रेन टिकट (senior citizen train ticket) में छूट का फायदा मिलता था, लेकिन अब यह फायदा मिलना बंद हो गया है. RTI के तहत पता चला है कि रेलवे ने इस छूट को वापस लेकर करीब 5800 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. 

सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत पूछे गए सवालों से पता चला है कि ट्रेन किराये में सीनियर सिटीजन्स को दी जाने वाली रियायतें वापस लेने के बाद से भारतीय रेलवे ने बुजुर्गों से 5,800 करोड़ रुपये से ज्यादा का एक्स्ट्रा रेवेन्यू कमाया है.

कोरोना काल में वापस ली थी छूट

रेल मंत्रालय ने 20 मार्च, 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराये में दी जाने वाली छूट वापस ले ली थी. उस समय तक रेलवे महिला यात्रियों को ट्रेन किराये में 50 प्रतिशत और पुरुष एवं ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत की छूट देता था.

अब देना होता है अन्य यात्रियों के समान किराया

यह छूट हटने के बाद से सीनियर सिटीजन्स को अन्य यात्रियों के समान ही किराया देना होता है. रेलवे मानदंडों के अनुसार, 60 साल और उससे अधिक उम्र के पुरुष एवं ट्रांसजेंडर और 58 साल एवं उससे अधिक उम्र की महिलाएं को सीनियर सिटीजन्स माना जाता हैं. बुजुर्गों को यात्री किराये में दी जाने वाली छूट खत्म होने के बाद की स्थिति और उससे होने वाली कमाई के बारे में जानकारी RTI पर आए जवाबों से स्पष्ट हुई है. 

3 चरणों में मिली रेवेन्यू की जानकारी

मध्य प्रदेश निवासी चंद्र शेखर गौड़ ने अलग-अलग समय पर आरटीआई अधिनियम के तहत आवेदन दायर कर जानकारी निकाली है कि 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे ने इस मद में 5,875 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व कमाया हैय गौड़ ने कहा है कि मैंने आरटीआई अधिनियम के तहत तीन आवेदन दायर किए. पहले आवेदन में रेलवे ने मुझे 20 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक का अतिरिक्त रेवेन्यू का आंकड़ा मुहैया कराया. दूसरे आवेदन में एक अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक का आंकड़ा सामने आया. वहीं फरवरी, 2024 में दाखिल तीसरे आवेदन से मुझे एक अप्रैल, 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक का ब्योरा मिला.

शेयर की आरटीआई की कॉपी

इन आरटीआई जवाबों की कॉपी शेयर करते हुए कहा है कि रेलवे ने साल और लिंग के आधार पर आंकड़े दिए हैं. इनके सहारे हम 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे द्वारा जमा किए गए अतिरिक्त रेवेन्यू का आसानी से पता लगा सकते हैं. इन प्रतियों से पता चलता है कि लगभग चार साल की अवधि में लगभग 13 करोड़ पुरुष, नौ करोड़ महिला और 33,700 ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों ने लगभग 13,287 करोड़ रुपये का कुल रेवेन्यू देकर ट्रेन यात्राएं की हैं. 

गौड़ ने कहा है कि महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत और पुरुष एवं ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिक यात्रियों के लिए पहले लागू 40 प्रतिशत रियायत की गणना करने पर यह राशि 5,875 करोड़ से अधिक बैठती है. 

अश्विनी वैष्णव ने कहा रेलवे वसूल रहा सिर्फ 45 रुपये

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका कोई सीधा जवाब न देते हुए कहा था कि भारतीय रेलवे प्रत्येक रेल यात्री को ट्रेन किराये पर 55 प्रतिशत छूट देता है. वैष्णव ने जनवरी, 2024 में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अगर किसी गंतव्य के लिए ट्रेन टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो रेलवे यात्री से केवल 45 रुपये ही वसूल रहा है. इस तरह यात्रा पर 55 रुपये की रियायत दे रहा है. इस संदर्भ में गौड़ ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कोई नई पेशकश करने के बजाय केवल रियायतें वापस ली हैं, लिहाजा इससे पता चलता है कि कोविड-19 से पहले ट्रेन टिकट की खरीद पर 55 रुपये की तुलना में अधिक रियायत दी जा रही थीं.

इनपुट - भाषा एजेंसी के साथ

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