Online Loan: Paytm, Flipkart, Amazon Pay के कस्‍टमर सावधान! RBI लेकर आया नया नियम
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Online Loan: Paytm, Flipkart, Amazon Pay के कस्‍टमर सावधान! RBI लेकर आया नया नियम

Digital Loan Fraud: आरबीआई ने नया सर्कलुर जारी किया है जिसके तहत अब पेटीएम (Paytm), फ्लिपकार्ट (Flipkart) और अमेजन (Amazon) समेत तमाम कंपनी अपने ग्राहक से चोरी से जानकारी नहीं ले सकती. आइए जानते हैं कि आरबीआई ने इन कंपनियों को क्‍या निर्देश दिया है.  

आरबीआई सर्कुलर

Instant Loan: आरबीआई ने देश भर में ऑनलाइन एप के माध्‍यम से इंस्टेंट लोन (App Based Digital Loan) देने वाली कंपनियों को सख्‍त निर्देश दिए हैं. अब कंपनियों के लिए डिजिटल ऋण देना काफी मुश्किल हो जाएगा. इसके तहत रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने डिजिटल लोन देने के लिए सख्त नियम बना दिए हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑनलाइन लोन देने के लिए सख्त नियम बना दिए है.

लोन सर्विस प्रोवाइडर्स को फीस ग्राहक नहीं देंगे 

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि लोन देने की प्रक्रिया में लोन सर्विस प्रोवाइडर्स (LSP) को जो फीस का भुगतान किया जाता है. उसे कर्ज लेने वाले कस्‍टमर से नहीं वसूला जाए, बल्कि लोन देने वाली कंपनी उसका भुगतान करें. आरबीआई ने ऑनलाइन लोन देने वाली कंपनियों को कई दिशानिर्देश जारी किए, जिसके तहत तीसरे पक्ष के माध्‍यम से बेलगाम वसूली, डेटा गोपनीयता का उल्लंघन, कस्‍टमर से अनुचित आचरण, ब्‍याज दरों का ज्‍यादा होना इन सब बातों का जिक्र इस सर्कुलर में किया. 

कैसे फंसाते हैं ये ऐप

कंपनियां लोन देते समय ग्राहकों के फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल अकाउंट को कनेक्‍ट कर लेती है. ऐप इंस्‍टॉल करते समय लोग बिना शर्तें जानें उन्‍हें परमिशन दे देते हैं और जब कस्‍टमर लोन नहीं दे पाता या बाद में लोन देने के लिए इस अकाउंट के माध्‍यम से लोगों को फंसाते हैं. लोग अपना ज्यादातर समय इसी पर बिताते हैं, यहां उनका डेटा शेयर कर दिया जाता है. 

ऐसे करते हैं फ्रॉड 

1. क्रेडिट कार्ड कंपनियां और सिबिल कंपनियों के माध्‍यम से ऐसे लोगों को टारगेट करती हैं जिनकी आर्थिक हालात ठीक नहीं होती. 
2. ये पहले कम अमाउंट का लोन देती हैं जैसे मोबाइल की खरीद या फिर 5000 से 10000 रुपये का पर्सनल लोन फिर एक बार फंसने के बाद ये अधिक दर पर ब्याज वसूलती हैं.  

नए नियम के तहत अब क्‍या होगा? 

आरबीआई ने ऑनलाइन पेमेंट लेने वाली सभी कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राहकों के डेटा को बिना उनकी मर्जी के इस्तेमाल नहीं करें और ना ही बाय नाउ पे लेटर (BY NOW PAY LATER) जैसे स्कीम की आड़ में ग्राहकों को परेशान करें. 

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