Shaktikanta Das को मिला ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड, लंदन के सेंट्रल बैंक ने दिया अवार्ड
Advertisement
trendingNow11738072

Shaktikanta Das को मिला ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड, लंदन के सेंट्रल बैंक ने दिया अवार्ड

RBI Governor:  शक्तिकांत दास को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ‘गवर्नर ऑफ द ईयर 2023’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. दास को यह पुरस्कार लंदन में मंगलवार को 'सेंट्रल बैंकिंग' की तरफ से दिया गया है.

Shaktikanta Das को मिला ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड, लंदन के सेंट्रल बैंक ने दिया अवार्ड

Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Shaktikanta Das) को एक खास पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. शक्तिकांत दास को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ‘गवर्नर ऑफ द ईयर 2023’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. दास को यह पुरस्कार लंदन में मंगलवार को 'सेंट्रल बैंकिंग' की तरफ से दिया गया है. यह संस्था दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों और वित्तीय नियामकों से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखती है और उनका विश्लेषण करती है.

मार्च में हुई थी घोषणा
आरबीआई गवर्नर को यह पुरस्कार देने की घोषणा मार्च में ही की गई थी. उस समय आयोजकों ने कहा था कि दास ने आरबीआई गवर्नर के तौर पर महत्वपूर्ण सुधारों को मजबूती दी है, अग्रणी भुगतान नवाचारों की निगरानी की है और भारत को मुश्किल दौर से बाहर निकालने का काम किया है.

सेंट्रल बैंक ने जारी किया बयान
सेंट्रल बैंकिंग ने एक बयान में कहा है कि कोविड-19 महामारी का दुनिया भर में विनाशकारी प्रभाव पड़ा और घनी आबादी वाला भारत विशेष रूप से नाजुक स्थिति में था. इस संकट के प्रबंधन में दास का शायद सबसे बड़ा असर रहा। इसके अलावा भी दास ने आरबीआई गवर्नर के तौर पर कई मुश्किल चुनौतियां का सामना किया.

तीन बड़ी घटनाओं का किया सामना
इस अवसर पर दास ने अपने संबोधन में कहा कि मौद्रिक और वित्तीय प्रणालियों के केंद्र में मौजूद केंद्रीय बैंकों को उनके पारंपरिक दायित्वों से इतर "बड़ी जिम्मेदारी उठाने" के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में तीन बड़ी घटनाओं– महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मौद्रिक नीति के अभूतपूर्व सामान्यीकरण का सामना किया है. 

मुद्रास्फीति से है निपटना
केंद्रीय बैंकों को महामारी से जूझने के फौरन बाद मुद्रास्फीति से निपटने का जिम्मा उठाना पड़ा है.आरबीआई गवर्नर ने भारत में मौद्रिक नीति पर कहा कि पिछले एक वर्ष में उठाए गए कदमों का संचयी प्रभाव अब भी पूरी तरह सामने नहीं आ पाया है.

Trending news