Dilip Singh Gurjar Social Score: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की मंदसौर लोकसभा सीट से दिलीप सिंह गुर्जर पर भरोसा जताया है. क्या आप जानते हैं कि लोकसभा चुनाव के बीच दिलीप सिंह गुर्जर का सोशल स्कोर क्या है.
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Dilip Singh Gurjar Mandsaur Seat: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मध्य प्रदेश की मंदसौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर पर भरोसा जताया है. इस लोकसभा चुनाव के बीच 'ज़ी न्यूज़' ने चुनाव मैदान में उतरे कई नेताओं के लीडर सोशल स्कोर (LSS) निकाला है. आइए, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर एक्टिविटी और इंफ्लूएंस के आधार पर जानते हैं कि कांग्रेस उम्मीदवार दिलीप सिंह गुर्जर का सोशल स्कोर कितना है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में हार के बाद भी कांग्रेस का टिकट
मध्य प्रदेश में अपनी खोई हुई सियासी जमीन तलाश रही इंडियन नेशनल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में मंदसौर लोकसभा सीट से दिलीप सिंह गुर्जर को मैदान में उतारा है. गांधी परिवार के करीबी दिलीप सिंह गुर्जर भाजपा के वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता को टक्कर देंगे. गुप्ता पिछले दस साल से मोदी सरकार में मंदसौर लोकसभा में जमे हुए हैं.
ओबीसी बहुल सीट मंदौसर में गुर्जरों का अच्छा-खासा वोट बैंक है. इसलिए रणनीति के तहत कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को लोकसभा की टिकट दी है. दिलीप सिंह गुर्जर इससे पहले पहले खाचरोद नागदा विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं. हालांकि, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
मंदसौर के स्थानीय निवासी नहीं हैं दिलीप सिंह गुर्जर, उज्जैन में पूरी पढ़ाई
दिलचस्प बात यह है कि दिलीप सिंह गुर्जर मंदसौर के स्थानीय निवासी नहीं है. मूल तौर पर वह उज्जैन के रहने वाले हैं. दिलीप सिंह गुर्जर का जन्म 1962 में मध्य प्रदेश के उज्जैन नागदा-खाचरौद जिले का है. उनके पिता का नाम भियारू सिंह गुर्जर है. वह नागदा की ही ग्रासिम इंडस्ट्री में नौकरी किया करते थे. इसी कारण दिलीप सिंह गुर्जर भी नागदा की इस ग्रासिम इंडस्ट्री में यूनियन लीडर के रुप में सक्रिय रह चुके हैं.
उन्होंने अपनी सारी शिक्षा दीक्षा उज्जैन से ही पूरी की है. उन्होंने साल 1988 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. दिलीप सिंह गुर्जर का परिवार मूल रूप से राजस्थान का है. वह राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के दूर के रिश्तेदार भी हैं इसके साथ ही एक पूर्व विधायक हैं.
छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश, ऐसा रहा अब तक का सफर
दिलीप सिंह गुर्जर ने साल 1985 में शासकीय महाविधालय नागदा के प्रथम छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीत छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश किया. उसके बाद ही उन्होंने 1993 में 27 वर्ष की उम्र में कांग्रेस के टिकट पर ही नागदा-खाचरौद विधानसभा का अपना पहला चुनाव जीता. जिसमें उन्होंने बीजेपी के तत्कालीन विधायक को 5644 वोटों से हरा दिया था.
निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी को हराया
साल 2003 में दिलीप सिंह गुर्जर ने एक बार निर्दलीय भी चुनाव लड़ा. इस चुनाव में भी बीजेपी के लालसिंह राणावत को 14429 और कांग्रेस के रणछोड़ लाल आंजना को 20000 वोटों से हराया था. गुर्जर समाज में उनकी पकड़ को देखते हुए कांग्रेस ने फिर से वापस लिया. साल 2008 में उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ा. इस बार वे 9892 वोटों से जीते. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें साल 2018 में मैदान में उतारा. ये चुनाव भी दिलीप सिंह गुर्जर 5139 वोटों से जीत गए.
डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.