Arnold Dix: 41 भारतीय मजदूरों को बताया था 'गोद लिया बेटा', अब ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने की अर्नाल्ड डिक्स की तारीफ, बोले- 'दोनों देश शुक्रगुजार...'
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Arnold Dix: 41 भारतीय मजदूरों को बताया था 'गोद लिया बेटा', अब ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने की अर्नाल्ड डिक्स की तारीफ, बोले- 'दोनों देश शुक्रगुजार...'

Uttarkashi Tunnel Rescue : उत्तरकाशी सुरंग में फंसे  41 मजदूरों को बाहर निकालने वाले टनल एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स को भारत और ऑस्ट्रलिया की दोस्ती के रिश्ते को गहरा करने वाला बताया गया है. यह तारीफ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अपने संसद में कही है.  

Arnold Dix: 41 भारतीय मजदूरों को बताया था 'गोद लिया बेटा', अब ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने की अर्नाल्ड डिक्स की तारीफ, बोले- 'दोनों देश शुक्रगुजार...'

India Australia Relation: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक बार फिर भारत को शुक्रिया कहा है. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया की संसद में पीएम ने भारत के उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए टनल एकसपर्ट अर्नाल्ड डिक्स की तारीफ की. उन्होंने कहा, "अर्नाल्ड डिक्स ने जो कर दिखलाया है, उसकी वजह से भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते और भी गहरे होंगे. मैं बता दूं ये सब सिर्फ डिक्स की मेहनत की वजह से हुआ है. जैसा कि हम जानते हैं कि ऐसे हादसे आखिर में मायूस कर देते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ क्योंकि डिक्स वहां मौजूद थे." ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने भारत के काम आने लिए मौका देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हम भारत के शुक्रगुजार हैं कि मुश्किल समय में उन्होंने हमें चुना. एंथनी अल्बनीज ने कहा, " उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में 41 जिंदगियां बचाई गईं. ये लोग अपने परिवारों से मिल सके. मुझे बेहद खुशी है कि हम भारत के काम आ सके." इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने कहा कि अर्नाल्ड डिक्स की मदद की वजह से भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों देश उनके ऋणी हो गए हैं. 

केंद्र, राज्य सरकार और दूसरे एजेंसियों से उम्मीद से मिली बहुत ज्यादा मदद 

दूसरी ओर, टनल एक्सपर्ट डिक्स ने कहा कि वे खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्हें इस रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा बनाया गया. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग की ओर से अर्नाल्ड डिक्स के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था. डिक्स ने कहा कि उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान के दौरान केंद्र सरकार, राज्य सरकार और दूसरे राहत-बचाव एजेंसियों से उम्मीद से बहुत ज्यादा मदद मिली. डिक्स ने कहा, "41 लोग अपने घर सही सलामत पहुंचे. उनमें से किसी को भी एक खरोंच तक नहीं आई. वे सभी मेरे एडॉप्टेड (गोद लिए हुए) भारतीय बेटे हैं." अर्नॉल्ड डिक्स ने उत्तरकाशी में 41 मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान खत्म होने के बाद रेस्क्यू साइट के पास में ही बने बाबा बौघ नाग मंदिर में दर्शन किए थे. उन्होंने पहले भी अपने बयान में रेस्क्यू अभियान की सफलता का श्रेय ईश्वर को दिया था.

पहाड़ों के देवता बाबा बौख नाग मंदिर का क्या है सुरंग हादसे से कनेक्शन 

पहाड़ों के देवता हैं बाबा बौख नाग देवता का मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल की साइट के पास स्थित है. हजारों श्रद्धालु हर साल बाबा बौख नाग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. मान्‍यता है कि इस मंदिर तक नंगे पैर आकर दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. विशेष तौर मान्यता है कि यहां आने से संतान होता. इसलिए यहां दर्शन के लिए नवविवाहित और निसंतान लोग ज्यादा आते हैं. यहां हर साल लगने वाले मेला में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालु भक्त इस दौरान बाबा बौख नाग के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं.

उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों के फंसने का मामला क्या है

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर बन रही सिलक्यारा सुरंग में मिट्टी धंसने से 41 मजदूर सुरंग में ही फंस गए थे. इन सबको सही सलामत बाहर लाने में 17 दिनों तक चले लंबे अभियान का नेतृत्व  अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नॉल्ड डिक्स ने किया था. सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू के मुद्दे ने देशभर का ध्यान खींचा. लोग पल-पल इसका अपडेट जानने में लग गए थे. केंद्र, राज्य सरकार और सुरक्षा, राहत और बचाव की एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में लग गई थी. देशभर में बचाव अभियान और डिक्स की कामयाबी के लिए प्रार्थना की जा रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरंग में फंसे मजदूरों को 60 मीटर के बचाव शॉफ्ट में स्टील के पाइप से बिना पहिये के स्ट्रेचर के जरिये सही-सलामत बाहर निकाला गया. रेस्क्यू के दौरान ऑगर मशीन खराब होने के बाद रैट माइनर्स की मदद से खुदाई का कार्य पूरा किया गया. जिसके बाद NDRF के जवानों ने मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला. 

कौन हैं टनल एक्सपर्ट अर्नॉल्ड डिक्स, क्या है उनकी खासियत

स्विट्जरलैंड के जिनेवा इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस असोसिएशन के चीफ अर्नॉल्ड डिक्स ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं. डिक्स करीब 30 साल से दुनिया के कई देशों में टनलिंग और रेस्क्यू के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. अंडरग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग्स और ट्रांसपोर्ट रिस्क के मामले में एक बेहतरीन विशेषज्ञ के तौर पर मशहूर डिक्स को कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है. डिक्स एक भूविज्ञानी, वकील और इंजीनियर भी हैं. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के रेस्क्यू ऑपरेशन में डिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका थी. अपने वर्षों के भूमिगत सुरक्षा के अनुभव से इस रेस्क्यू मिशन को अंजाम तक पहुंचाने वाले डिक्स कामयाबी के सबसे बड़े हीरो साबित हुए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, डिक्स 2016 से 2019 तक कतर रेड क्रिसेंट सोसाइटी (QRCS) में बतौर वॉलिंटियर काम कर चुके हैं.

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