Himachal Pradesh Rajya Sabha Chunav: राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार के बाद हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया जाने लगा. इतना ही नहीं कांग्रेस के कई विधायकों के मुख्यमंत्री से नाराज होने की खबरें भी सामने आने लगीं.
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Himachal Pradesh Politcial Crisis: लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव की अग्निपरीक्षा में बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका दिया. हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग और पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया जाने लगा. इतना ही नहीं कांग्रेस के कई विधायकों के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज होने की खबरें भी सामने आने लगीं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री बदलने की मांग भी की जाने लगी, जिसके बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. अब सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार भले ही खतरा मंडराने लगा है, लेकिन इसकी शुरुआत बहुत पहले हो गई थी.
प्रतिभा सिंह की नाराजगी
साल 2022 में हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए और कांग्रेस ने बीजेपी को हराकर बहुमत हासिल की. इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चा शुरू हुई. संभावितों में हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह का नाम सबसे आगे था. कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान भी प्रतिभा सिंह का नाम आगे आया और उनके समर्थकों ने उन्हें सीएम बनाने की मांग की. लेकिन, कांग्रेस आलाकमान ने इसे दरकिनार किया और सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी. सुक्खू सीएम बन गए और प्रतिभा सिंह ने दर्द को छिपाते हुए इसे स्वीकार कर लिया, लेकिन उनकी नाराजगी समय-समय पर सामने आती रही.
हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के एक साल पूरा होने पर कांगड़ा में जश्न मनाने की तैयार चल रही थी. जब कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने को लेकर सीएम ने शिमला में विधायक दल की बैठक की. तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह या संगठन के किसी नेता को नहीं बुलाया गया. इसके बाद भी प्रतिभा सिंह की नाराजगी सामने आई थी. हाल ही में प्रतिभा सिंह ने अपनी ही सरकार में पार्टी नेताओं के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया था.
विक्रमादित्य सिंह की हिमाचल सरकार से अलग राह
कांग्रेस हाईकमान ने अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ना जाने का फैसला किया था. लेकिन, हिमाचल के PWD मंत्री और वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सरकार से अलग राह अपनाई और अयोध्या पहुंचे. विक्रमादित्य सिंह को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर पर निमंत्रण मिला था. इसके बाद वो अयोध्या पहुंचे और रामलला के दर्शन किए. इतना ही नहीं, लखनऊ पहुंचने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री जतिन प्रसाद से मुलाकात भी की थी.
कैसे राहुल की यात्रा के साथ साफ होती गई कांग्रेस
भले ही कांग्रेस पार्टी ने साल 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पार्टी के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी एक बार भी चुनाव प्रचार के लिए हिमाचल नहीं गए थे. उस दौरान राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण में व्यस्थ थे और दक्षिण भआरत में अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते रहे. हालांकि, इस दौरान वह गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए गए थे, लेकिन हिमाचल प्रदेश से दूरी बनाई थी. अब जब, राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण (भारत जोड़ो न्याय यात्रा) में शामिल हैं, तब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पर खतरा मंडराने लगा है और सरकार साफ होने की स्थिति में आ गई है.
राज्यसभा चुनावों में हार के बाद क्या हटाए जाएंगे सुक्खू?
सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के ज्यादातर विधायक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज हैं. कांग्रेस के कई विधायक मुख्यमंत्री बदलने की मांग भी कर रहे हैं. अब फैसला आलाकमान को करने है. बताया जा रहा है कि आलाकमान सरकार बचाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को हटाने पर भी विचार कर सकता है. कांग्रेस ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हिमाचल प्रदेश के लिए प्रभारी नियुक्त किया है, ताकि विधायकों से बातचीत कर मुद्दे को सुलझाया जा सके. डी. के. शिव कुमार और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा आज शिमला पहुंचेंगे और विधायकों से बातचीत कर आलाकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे.