Putin Middle East Visit: मिडिल ईस्ट में दिखा पुतिन का जलवा, अमेरिका को लगी मिर्ची; क्या हैं इस दौरे के मायने?
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Putin Middle East Visit: मिडिल ईस्ट में दिखा पुतिन का जलवा, अमेरिका को लगी मिर्ची; क्या हैं इस दौरे के मायने?

America-Russia Relations: अमेरिका और नाटो देशों के आंखों की सबसे बड़ी किरकिरी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल यूएई और सऊदी अरब के नेताओं से मिल रहे थे. उनकी तस्वीरें देख कभी यूएई और सऊदी को पक्का दोस्त समझने वाले अमेरिका और नाटो देशों के नेताओं के दिल जल रहे थे.

Putin Middle East Visit: मिडिल ईस्ट में दिखा पुतिन का जलवा, अमेरिका को लगी मिर्ची; क्या हैं इस दौरे के मायने?

Mohammad Bin Salman: जिस वक्त मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच भीषण युद्ध चल रहा है.यूक्रेन को अमेरिका हथियारों की नई मदद देने वाला है. उस वक्त रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ यूएई और सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे. अमेरिका के करीबी माने जाने वाले इन दोनों देशों ने पुतिन का इतना भव्य स्वागत किया जिसने अमेरिका को भी टेंशन में डाल लिया होगा. अब सारी दुनिया सवाल पूछ रही है पुतिन का इतना भव्य स्वागत करके इतनी आवभगत करके सबसे असरदार अरब देशों यानी यूएई और सऊदी ने क्या संदेश दिया और क्या इस पूरे इलाके में कुछ बड़ा धमाका होने वाला है.

अमेरिका और नाटो देशों के आंखों की सबसे बड़ी किरकिरी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल यूएई और सऊदी अरब के नेताओं से मिल रहे थे. उनकी तस्वीरें देख कभी यूएई और सऊदी को पक्का दोस्त समझने वाले अमेरिका और नाटो देशों के नेताओं के दिल जल रहे थे.

पुतिन का गल्फ कंट्री में पावरफुल पंच

अमेरिका के दोस्तों के साथ शानदार केमिस्ट्री और बाइडेन से भी भव्य स्वागत मिडिल ईस्ट में पावर ब्रोकर की भूमिका में रूस के दबदबे को दिखाने वाला है, जो अमेरिका को बहुत ज्यादा बेचैन कर रहा होगा. पुतिन अपने खास विमान Il-96PU, जितने उड़ता हुआ किला कहा जाता है. उसमें चार सुखोई 35 एमकेआई विमानों की सुरक्षा में निकले. पुतिन की रक्षा में निकले ये चार लड़ाकू विमानों को खतरनाक R-77 और R-73 एयर टु एयर मिसाइलों से लैस किया था. यानी मिडिल ईस्ट के जिस इलाके में अमेरिका की सबसे खतरनाक मिसाइलें, हजारों सैनिक और एयरक्रॉफ्ट कैरियर तैनात हैं वहां पर पुतिन पूरी तैयारी और दबदबे के साथ शेर की तरह घुसे.

सबसे खास बात ये है मास्को से लेकर यूएई तक इन खतरनाक लड़ाकू विमानों की उड़ान के लिए तमाम देशों से खास अनुमति भी ली गई थी. और जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन का प्लेन यूएई के अबूधाबी एयरपोर्ट पर उतरा तो पूरा यूएई व्लादिमीर पुतिन के रूस के रंग में रंग गया.

पुतिन के स्वागत में पहुंचे बड़े नेता

एयरपोर्ट पर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत करते यूएई के बड़े नेता पहुंचे थे और इसके बाद पुतिन अपनी कार से यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान से मिलने निकले तब अबूधाबी में पुतिन की धमक ज़मीन से आसमान तक दिखाई दी.

पुतिन की कार धीरे धीरे राष्ट्रपति के महल में पहुंच रही थी और इधर अबूधाबी के आसमान को यूएई के विमान रूस के रंग में रंग रहे थे और जमीन पर पुतिन को 21 तोपों की सलामी दी जा रही थी. यूएई में ये किसी भी वैश्विक नेता का ये अभूतपूर्व स्वागत था. पुतिन नाहयान से ऐसे मिले. जैसे दो बहुत पक्के दोस्त मिलते हैं. उसके बाद दोनों दोस्तों के बीच बातें शुरू हुईं

पुतिन ने अरब जगत में यूएई को अपना मुख्य व्यापारिक साझेदार बताया है. सच्चाई ये है कि वॉर के बाद दुनिया भले ही रूस पर हमलावर हुई लेकिन यूएई ने मध्यममार्ग अपनाकर रखा. अब तेल उत्पादक देशों के बीच व्यापार और मजबूत करने की तैयारी है जो अमेरिका के लिए बड़ा झटका है.

अमेरिका को लगेगी मिर्ची?

तेल उत्पादक देशों से पुतिन की दोस्ती अमेरिका को जरूर अखर रही होगी. वैसे जिस वक्त यूक्रेन में युद्ध की आग जल रही है. मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच महासंग्राम चल रहा है.पुतिन की इस इलाके में एंट्री हुई तो इन दोनों मुद्दों पर भी चर्चा करके पुतिन ने जता दिया उनका दखल हर जगह बराबर है.

मुलाकात और बातें खत्म करके पुतिन यूएई से रवाना हुए. गर्मजोशी से उनकी यूएई से विदाई हुई. लेकिन अमेरिका को अभी एक और केमिस्ट्री देखनी थी, जो उसके दिल को जलाने वाली थी. यूएई से पुतिन सऊदी अरब उतरे.आजकल यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के बाइडेन के साथ बहुत नहीं बन रही. लेकिन पुतिन के साथ उनकी केमिस्ट्री लाजवाब दिखी. दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलााया. एमबीएस ने पुतिन के हाथ को खास तरीके से थपथपाया भी. जो केमिस्ट्री दो नेताओं की बॉडी लैंग्वेज में थी वो ही पुतिन की बातों में. ये तय हो चुका है कि अब मोहम्मद बिन सलमान मॉस्को में जाकर इस दोस्ती को और मजबूत करेंगे, जो अभी अपने उच्चतम स्तर पर है.

पुतिन के दौरे का मतलब

यूक्रेन पर हमले की वजह से पुतिन के खिलाफ अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट ने गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर रखा है और रूसी राष्‍ट्रपति विदेश यात्राओं से बच रहे हैं. लेकिन ये दौरा इसलिए भी संभव हो पाया क्योंकि यूएई और सऊदी अरब ने आईसीसी के साथ कोई समझौता नहीं किया. अब इस पूरे दौरे का मतलब भी समझिए.

खास बात ये है कि पुतिन यूएई और सऊदी अरब के दौरे के अगले दिन उनके कट्टर दुश्मन ईरान के राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर रहे हैं...और ये दिखाता है दुनिया की पॉलिटिक्स को अभी भी पुतिन अपनी मर्जी से चलाने का दम रखते हैं. और अमेरिका के दबाव का ना उन पर कोई असर है ना उनके दोस्तों पर.

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