Auger Machine: जब 5 दिन में कुछ नहीं हो पाया तो ऑगर मशीन क्या कर पाएगी? जानें क्या है ये बला
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Auger Machine: जब 5 दिन में कुछ नहीं हो पाया तो ऑगर मशीन क्या कर पाएगी? जानें क्या है ये बला

Uttarkashi Tunnel Collapse Update: उत्तरकाशी हादसे में टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जिस अमेरिकी ऑगर मशीन को मंगाया गया है, वह मशीन काफी खास है. इस मशीन की क्षमता जबरदस्त है.

Auger Machine: जब 5 दिन में कुछ नहीं हो पाया तो ऑगर मशीन क्या कर पाएगी? जानें क्या है ये बला

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के तमाम प्रयास विफल होते जा रहे हैं. आज सभी श्रमिकों को फंसे हुए 5वां दिन चल रहा है. ऐसे में समय बढ़ने के साथ मजदूरों के परिजनों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. हालांकि, शासन और प्रशासन की तरफ से इन लोगों को निकालने के लिए हर संभव मदद दी जा रही है, लेकिन हर तरफ से असफलता हाथ लग रही है, लेकिन फिर भी न सरकार, न प्रशासन और न ही बचाव दल हार मान रहे हैं. अब इन फंसे मजूदरों को निकालने के लिए अमेरिका से खास ऑगर मशीन मंगाई गई है.

पाइप बिछाने का होगा काम

टनल से जल्द से जल्द मजदूरों को निकाला जा सके. इसके लिए अमेरिका से मंगाई गई ऑगर मशीन को सुरंग में पहुंचाया गया है. ऑगर मशीन से ह्यूम पाइप बिछाने का काम होगा, जिसके बाद ये उम्मीद है कि देर शाम तक मजदूरों को निकाला जा सकता है.

जबरदस्त क्षमता

उत्तरकाशी हादसे में टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जिस अमेरिकी ऑगर मशीन को मंगाया गया है, वह मशीन काफी खास है. इस मशीन की क्षमता जबरदस्त है. 25 टन वजन वाली यह मशीन हर घंटे 5 टन मलबा निकाला सकती है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह मशीन 10 घंटे में 50 मीटर खुदाई कर लेगी. इसके विदेशी विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है.

एयरलिफ्ट से लाया गया उत्तरकाशी

ऑगर एक भारी ड्रिलिंग मशीन है, जिसे तीन भारतीय वायु सेना विमानों ने दिल्ली से एयरलिफ्ट किया था. इस मशीन को पहले चिन्यालिसौर हवाई अड्डे पर उतारा गया था और बाद में रोड के जरिए हादसे वाले जगह पर लाया गया.  अब नई बनाई गई बचाव योजना में ढह गई सुरंग के हिस्से के मलबे को हटाने के लिए इस मशीन का उपयोग किया जा रहा है.

सीएम धामी का बयान

वहीं, हादसे और बचाव कार्य को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि मजदूरों को निकालने की कोशिश जारी है. पहली प्राथमिकता मजदूरों को बचाने की है. मजदूरों से संपर्क किया गया है. इस घटना की पीएम मोदी भी लगातार समीक्षा कर रहे हैं. 

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