बेअंत सिंह हत्याकांड: दोषी बलवंत सिंह राजोआना को झटका, मौत की सजा को उमक्रैद में बदलने से SC का इनकार
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बेअंत सिंह हत्याकांड: दोषी बलवंत सिंह राजोआना को झटका, मौत की सजा को उमक्रैद में बदलने से SC का इनकार

Beant Singh Assassination Case: सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को राजोआना की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और दोषी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज की दलीलें सुनी थीं.

बेअंत सिंह हत्याकांड: दोषी बलवंत सिंह राजोआना को झटका, मौत की सजा को उमक्रैद में बदलने से SC का इनकार

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने से इनकार कर दिया. 1995 में बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी राजोआना पिछले 26 सालों से जेल में है. जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की पीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी दोषी की दया याचिका पर फैसला करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को राजोआना की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और दोषी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज की दलीलें सुनी थीं. 

रोहतगी ने कहा कि दया याचिका के बावजूद इतने लंबे समय तक मृत्यदंड मिलने के डर में रहना राजोआना के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. उसकी दया याचिका एक दशक से अधिक समय से सरकार के समक्ष लंबित है.

कोर्ट में कब क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 11 अक्टूबर को कहा था कि राजोआना की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित की जाएगी.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 28 सितंबर को राजोआना की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग से संबंधित याचिका पर फैसला लेने में केंद्र की विफलता पर असंतोष व्यक्त किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दो मई को केंद्र से कहा था कि वह राजोआना की ओर से दायर याचिका पर दो महीने के भीतर फैसला करे. शीर्ष अदालत ने राजोआना की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने में देरी को लेकर भी केंद्र से सवाल किया था.

31 अगस्तर 1995 को हुई थी बेअंत सिंह की हत्या
पंजाब पुलिस के एक पूर्व कांस्टेबल राजोआना को 31 अगस्त, 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर हुए विस्फोट में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें बेअंत सिंह और 16 अन्य मारे गए थे. जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी.

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