Nalanda: नालंदा में दलित बस्ती पर चला बुलडोजर, लोगों के विरोध पर पुलिस ने भांजी लाठियां
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Nalanda: नालंदा में दलित बस्ती पर चला बुलडोजर, लोगों के विरोध पर पुलिस ने भांजी लाठियां

प्रशासन का कहना है कि ये कार्रवाई पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर की गई है. जबकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये सब कुछ पूर्व मुखिया रामकेश प्रसाद के कहने पर किया जा रहा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Nalanda News: पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर बिहार में इन दिनों अतिक्रमण हटाने का काम जोरदारी से चल रहा है. इसी क्रम में नालंदा के रहूई प्रखंड में स्थित शिवनंदन गांव में दलित बस्ती पर बुलडोजर कार्रवाई की गई. प्रशासन ने बुधवार (14 जून) को तकरीबन 150 घरों को ध्वस्त कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक प्रशासन पहले भी अतिक्रमण हटाने आया था, लेकिन उस वक्त पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नहीं होने के कारण इस कार्रवाई को टाल दिया गया था. आज भी जब स्थानीय लोगों ने बुलडोजर कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने भी लाठीजार्च करके उन्हें वहां से खदेड़ दिया. 

 

प्रशासन का कहना है कि ये कार्रवाई पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर की गई है. जबकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये सब कुछ पूर्व मुखिया रामकेश प्रसाद के कहने पर किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि पंचायत चुनाव में रामकेश प्रसाद और अशोक पासवान चुनावी मैदान में थे. यहां के लोगों ने दलित प्रत्याशी होने के नाते अशोक पासवान का समर्थन किया था, जिससे रामकेश प्रसाद हार गए थे और अब वो उसी बात का बदला ले रहे हैं.  

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स्थानीय लोगों ने बताया कि वह लोग 1989 से इस जमीन पर निवास कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते पूर्व मुखिया रामकेश प्रसाद ने पटना हाईकोर्ट में इन सभी घरों को लेकर नोटिस दाखिल किया था. जिसके बाद पटना हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इन सभी घरों को तोड़ने का निर्देश जारी कर दिया गया. एसडीओ अभिषेक पलासिया ने बताया कि पटना हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इन सभी घरों तोड़ने का काम किया जा रहा है. लोगों के आक्रोश को देखते हुए पूरे शिवनंदन नगर गांव का पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. नालंदा जिले के लगभग सभी थाना क्षेत्र के थानाध्यक्षों को भी इस अतिक्रमण के दौरान लगाया गया है.

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इससे पहले पटना में अतिक्रमण पर बुलडोजर गरजते हुए दिखाई दिए थे. 23 मई को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने को लेकर लगभग 2 दर्जन से अधिक झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया था. ये कार्रवाई पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 53 के गायघाट उत्तरी गली में हुई थी. विस्थापित लोगों का कहना था कि उन्होंने प्रशासन से अपना सामान हटाने के लिए थोड़े दिनों की मोहलत मांगी थी लेकिन प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी और बुलडोजर चला दिया. कुछ लोगों का कहना है कि वो करीब 50-60 सालों से यहां पर छोपड़ी बनाकर रह रहे थे. उन्होंने कहा कि उनके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, और वोटर कार्ड भी है लेकिन इसके बाद भी उन्हें यहां से जबरन हटा दिया गया. इस कार्रवाई के बाद कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी योगी मॉडल के फैन हो गए हैं. 

 

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