Samastipur News: डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्र कृषि विश्वविद्यालय के छात्र अब गांव को लेंगे गोद, किसानों के बीच जाकर उन्हें सिखाएंगे कृषि के गुण
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Samastipur News: डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्र कृषि विश्वविद्यालय के छात्र अब गांव को लेंगे गोद, किसानों के बीच जाकर उन्हें सिखाएंगे कृषि के गुण

Samastipur News: बिहार के समस्तीपुर के डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के छात्र अब समस्तीपुर के आस-पास के गांव को गोद लेंगे और किसानों के बीच जाकर उन्हें तकनीक आधारित कृषि के गुड़ सिखाएंगे. 

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्र कृषि विश्वविद्यालय

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर के डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के छात्र अब समस्तीपुर के आस-पास के गांव को गोद लेंगे और किसानों के बीच जाकर उन्हें तकनीक आधारित कृषि के गुड़ सिखाएंगे. इसको लेकर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ पी एस पांडे ने निर्देश जारी किया है. 

कुलपति डॉक्टर पी एस पांडे का कहना है कि किसान मेले के उद्घाटन के अवसर पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में सुझाव दिया था. उनकी बड़ी अच्छी सोच है. जिसके अच्छे परिणाम आएंगे. उपमुख्यमंत्री के सुझाव को गंभीरता से लेते हुए निर्देश जारी किया गया है. विश्वविद्यालय के अंदर कृषि के क्षेत्र में जो बच्चे पढ़ते हैं, उन्हें स्टूडेंट्स रेडी प्रोग्राम छह महीने का एक कोर्स होता है. जिसमें बच्चे गांव में जाकर कृषि का अनुभव प्राप्त करते हैं. 

हालांकि बच्चे इस दौरान पहले भी गांव में किसानों के बीच जाया करते थे. इस कड़ी में अब हर एक बच्चा एक-एक गांव गोद लेगा. इसमें एक यूजी और एक पीजी के छात्र होंगे. पहले समस्तीपुर के आस-पास के गांव को शामिल किया गया है. प्रथम चरण के परिणाम आने के बाद इसे आगे नियंत्रण जारी रखा जाएगा. आगे विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 13 जिलों के गांव को भी शामिल किया जाएगा.  

बताते चले कि किसान मेले के उद्घाटन के अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा था कि शिक्षा सीखना है और विद्या बताता है. वह तभी बताता है जब महाभारत के भगवान कृष्ण फील्ड में ले जाकर युद्ध के मैदान में बताते हैं कि अब क्या करना है और यह वातावरण हमें बच्चों को खेत में ले जाकर उन किसानों से जो पढ़े- लिखे नहीं है, लेकिन उनके पास अनुभव की इतनी बड़ी किताब है. उस किताब का ज्ञान और थ्योरी के ज्ञान से जो रिसर्च मिली है. इन दोनों के व्यवहारिकता से जो अनुसंधान होगा. वह सही में यहां के लोगों और किसानों के हित में होगा. 
इनपुट- संजीव नैपुरी, समस्तीपुर

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