जमुईः स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल, नसबंदी कराने पहुंची महिलाओं को नहीं मिला बेड, जमीन पर सोकर गुजारी रात
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जमुईः स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल, नसबंदी कराने पहुंची महिलाओं को नहीं मिला बेड, जमीन पर सोकर गुजारी रात

Jamui News: जिन महिलाओं को ऑपरेशन के बाद बेड नहीं मिला उनमें लखीसराय के बसुआचक गांव निवासी कविता कुमारी, लखीसराय के शर्मा गांव निवासी दुखनी देवी, बरहट के बरियारपुर गांव निवासी गीता देवी और लभेद की सुधा देवी आदि शामिल हैं. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jamui News: जमुई जिले के मलयपुर उपस्वास्थ्य केंद्र ने बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी. यहां नसबंदी का ऑपरेशन कराने पहुंची महिलाओं को अस्पताल में ना तो बेड मिला और ना ही पीने के लिए शुद्ध पानी. मरीजों ने जमीन पर ही सोकर रात गुजारी. जानकारी के मुताबिक, बुधवार (21 फरवरी) की शाम को 20 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद पीएचसी का लक्ष्य तो पूरा हो गया, लेकिन बंध्याकरण करा चुकी चार महिलाओं का जीवन दांव पर लगा दिया. इसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही स्पष्ट रूप से नजर आई. बंध्याकरण का ऑपरेशन करने के बाद 16 को तो बेड मुहैया कराया गया, लेकिन चार महिलाओं को बेड नहीं होने के कारण अस्पताल के बरामदे पर ही लिटा दिया गया. 

जिन महिलाओं को ऑपरेशन के बाद बेड नहीं मिला उनमें लखीसराय के बसुआचक गांव निवासी कविता कुमारी, लखीसराय के शर्मा गांव निवासी दुखनी देवी, बरहट के बरियारपुर गांव निवासी गीता देवी और लभेद की सुधा देवी आदि शामिल हैं. मरीजों के स्वजनों ने बताया कि मलयपुर स्थित -प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में निजी एजेंसी द्वारा सभी महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया है. अस्पताल में तीन बेड खाली पड़े हुए थे. उसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा इमरजेंसी मरीज के लिए रिजर्व रखा गया था. बताया जाता है कि बंध्याकरण के बाद एजेंसी द्वारा पांच दिन के लिए टेबलेट महिलाओं को दिया गया, जबकि कई अन्य दवाईयां बाहर से खरीदकर लाई गई थी.

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अस्पताल में बंध्याकरण करने पहुंची स्वजन रजिया देवी ने बताया कि अस्पताल में पानी पीने की समुचित व्यवस्था नहीं हैं. जिस नल का पानी शौचालय के लिए प्रयोग किया जाता है, उसी नल से मरीजों को पानी पीना मजबूरी बन जाता है. बताया जाता है कि महिलाओं का प्रसव व अन्य कार्य होने पर उसी नल के पानी का प्रयोग किया जाता है. शौचालय से भी दुर्गंध आती है. इसमें महिलाएं शौचालय में जाने से परहेज करती हैं. रात में दो एएनएम रहती हैं. अस्पताल में बंध्याकरण तो बरहट स्थित पीएचसी में होना था लेकिन पीएचसी में पर्याप्त जगह नहीं रहने के कारण अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र मलयपुर में किया जा रहा था. अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र मलयपुर में बुधवार की शाम दो एएनएम की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन एक एएनएम सविता कुमारी ड्यूटी पर मौजूद थी. अस्पताल के एक कर्मी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि दूसरी एएनएम आई ही नहीं थी. अस्पताल में कोई गार्ड भी नहीं है. 

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