Lok Sabha Election 2024: क्या अपने जाल में ही फंस गए लालू यादव? कहीं RJD के अपने कर रहे भीतरघात तो कहीं बागी कांग्रेसी बढ़ा रहे मुसीबत
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Lok Sabha Election 2024: क्या अपने जाल में ही फंस गए लालू यादव? कहीं RJD के अपने कर रहे भीतरघात तो कहीं बागी कांग्रेसी बढ़ा रहे मुसीबत

Bihar Lok Sabha Election 2024: लालू यादव ने पूरी तरह से अपनी मनमर्जी चलाई है और कांग्रेस के साथ सबसे ज्यादा नाइंसाफी की है. उन्होंने कांग्रेस से ना सिर्फ उसकी परंपरागत सीटें छीनीं बल्कि कई ऐसी सीटें भी नहीं दीं जहां कांग्रेसी पहले से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. 

लालू यादव

Bihar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में अब सिर्फ एक सप्ताह का ही समय बचा है. चुनावी मौसम में आरोप-प्रत्यारोप से बिहार में सियासी पारा सातवें आसमान पहुंच चुका है. यहां एनडीए को रोकने के लिए राजद अध्यक्ष लालू यादव ने महागठबंधन की कमान पूरी तरह से अपने हाथों में ले रखी है. हालांकि, उनकी लीडरशिप में बात बनने से ज्यादा बिगड़ती नजर आ रही है. उनके कई फैसले एनडीए को फायदा पहुंचा सकते हैं. इसमें सबसे पहला और बड़ा फैसला सीट बंटवारे का है. इस फैसले में उन्होंने पूरी तरह से अपनी मनमर्जी चलाई है और कांग्रेस के साथ सबसे ज्यादा नाइंसाफी की है. उन्होंने कांग्रेस से ना सिर्फ उसकी परंपरागत सीटें छीनीं बल्कि कई ऐसी सीटें भी नहीं दीं जहां कांग्रेसी पहले से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. इन सीटों में बेगूसराय और पूर्णिया भी शामिल हैं. बेगूसराय में कांग्रेस की ओर से कन्हैया कुमार प्रबल दावेदार थे तो वहीं पूर्णिया में तो पप्पू यादव आए ही सिर्फ टिकट के लिए थे. 

पूर्णिया सीट पर लालू ने बीमा भारती को उतार दिया. जिससे नाराज होकर पप्पू यादव ने निर्दलीय मैदान में उतरकर महागठबंधन का गेम बिगाड़ दिया. यहां से पप्पू की उम्मीदवारी से अब राजद प्रत्याशी बीमा भारती फंस गई हैं. सियासी जानकारों का कहना है कि त्रिकोणीय मुकाबले में एनडीए उम्मीदवार जेडीयू के संतोष कुमार भारी पड़ सकते हैं. इसी तरह से वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट को लालू ने अपने पास रख लिया. जिससे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हाजी अहमद हुसैन अंसारी बागी हो गए और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. बता दें कि पिछले कई चुनाव से यहां कांग्रेस ही लड़ती आ रही थी. पिछले चुनाव में तो कांग्रेस प्रत्याशी महज 21 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे.

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लालू की देखादेखी बेगूसराय पर सीपीआई ने कब्जा जमा लिया. अब वामपंथियों और कन्हैया के सपोर्टर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं. नवादा में भी राजद पार्टी में टूट के संकेत मिल रहे हैं. यहां राजद के 2 विधायकों अपनी पार्टी के प्रत्याशी की जगह निर्दलीय उम्मीदवार के लिए प्रचार करने में जुटे हैं. वहीं क्षेत्र के तीसरे विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र से ही गायब हैं. इस सीट के निर्दलीय उम्मीदवार विनोद यादव ने रविवार (07 मार्च) को पकरीबरावां में एक जनसभा का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में राजद विधायक विभा देवी और राजद विधायक प्रकाश वीर भी शामिल हुए. दोनों विधायकों ने निर्दलीय विनोद यादव के लिए प्रचार किया और उनको ही वोट करने की अपील की. 

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