Bihar Lok Sabha Election 2024: राजद कैंडिडेट की लिस्ट सामने आने के बाद राजद के कोर वोटर माने जाने वाले मुसलमान समाज के लोग ही नाराज हो गए हैं. पार्टी के कई दिग्गज नेता अब साथ छोड़कर जा रहे हैं.
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Bihar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार का सियासी पारा काफी चढ़ा हुआ है. एनडीए के विजय रथ को रोकने के लिए राजद अध्यक्ष लालू यादव ने इस बार बिल्कुल अलग रणनीति अपनाई है. उन्होंने इस बार टिकट वितरण में MY समीकरण को नजरअंदाज किया है. लालू के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पिछले कुछ महीनों से राजद को माय (MY)-बाप (BAAP) की पार्टी बताते रहे हैं. वहीं राजद के 22 उम्मीदवारों में 8 यादव, 4 दलित, 3 कुशवाहा, एक कुर्मी, 2 मुस्लिम, एक भूमिहार, एक राजपूत, एक ईबीसी और एक वैश्य है. लालू यादव ने ब्राह्मण और कायस्थ को अछूत बना दिया तो वहीं मुसलमानों को भी पर्याप्त मौका नहीं दिया है. इस कारण से राजद के कोर वोटर माने जाने वाले मुसलमान समाज के लोग ही नाराज हो गए हैं. पार्टी के कई दिग्गज नेता अब साथ छोड़कर जा रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार (12 अप्रैल) को अशफाक करीम ने आरजेडी का साथ छोड़कर नीतीश कुमार की जेडीयू ज्वाइन कर ली.
करीम ने राजद छोड़ते समय पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने राजद के 22 उम्मीदवारों की सूची में केवल दो मुसलमानों के नाम होने पर अफसोस जताया. करीम ने पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को भेजे त्यागपत्र में कहा है कि वे राष्ट्रीय जनता दल से सामाजिक न्याय को ताकत देने के लिए जुड़े थे, लेकिन पार्टी ने मुसलमान की हाकमारी की है. उन्होंने कहा कि जब जाति सर्वेक्षण के नतीजे सामने आए तो लालू यादव ने 'जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' की बात कही थी. लेकिन आज मुस्लिम समाज को प्रतिनिधित्व देने पर राजद ने बहुत बड़ा धोखा किया है.
वहीं राजद में बेटिकट हुए पूर्व सांसद सरफराज आलम भी नाराज बताए जा रहे हैं. अररिया सीट से टिकट नहीं मिलने पर सरफराज आलम सार्वजनिक मंच पर ही रो पड़े. वह ईद के मौके पर मंच पर लोगों को संबोधित करते हुए फफककर रो पड़े. रोते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने टिकट नहीं दिया, इसका अफसोस नहीं है. उन्होंने जनता की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरी पार्टी तो आप हो, बस जमीर नहीं बेचना है. उन्होंने लालू परिवार पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने कभी राजद की एक बैठक तक नहीं की. पार्टी ने उसे टिकट का हकदार समझा. आलम ने कहा कि टिकट उन्हें नहीं देकर सीमांचल को बेइज्जत किया गया है. बता दें कि इस बार पार्टी ने उनके छोटे भाई शहनवाज आलम को राजद के टिकट पर मैदान में उतारा है. चर्चा है कि सरफराज आलम जल्द ही पार्टी छोड़ सकते हैं.
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सीवान में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब पहले से ही राजद से नाराज हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि राजद ने इसी कारण अब तक सीवान सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. मुस्लिम के साथ-साथ यादव समाज के कई नेता राजद से खफा बताए जा रहे हैं. यादव जाति के कई नेताओं की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है. पप्पू यादव के मामले को लेकर भी यादव बिरादरी के नेताओं में गुस्सा देखने को मिल रहा है. नवादा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज विनोद यादव पहले से ही चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. अब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव भी बगावती बिगुल फूंकते नजर आ रहे हैं. उन्होंने लालू यादव पर यादव समाज के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है.
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उन्होंने कहा कि लालू यादव ने कई लोगों का रास्ता रोका है. वह उन सभी नेताओं की लिस्ट निकालने वाले हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी में पहले यूज एंड ग्रो की रणनीति पर काम होता था, लेकिन आज हमारे नेता यूज एंड थ्रो को अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं. उन्होंने दावा किया आरजेडी लोकसभा चुनाव में विधान सभा चुनाव की तैयारी कर रही है. हालांकि उन्होंने दावा किया कि पार्टी ना तो 2024 जीतेगी और ना ही 2025.