Lok Sabha Election 2024: पवन सिंह को लेकर टीएमसी का कहना था कि उन्होंने अपने गानों और फिल्मों में बंगाली महिलाओं को अश्लील तरीके से चित्रित किया गया है. अब जब टीएमसी ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की तो उसमें दुर्गापुर वर्धमान से कीर्ति आजाद का नाम शामिल है.
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Lok Sabha Election 2024: 2 मार्च को भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की थी और उसमें पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का नाम भी शामिल था. पवन सिंह बड़े खुश थे और कैसे वे खुशी से झूम उठे थे, इसका वीडियो बहुत वायरल हुआ था. हालांकि पवन सिंह की खुशी 24 घंटे भी कायम नहीं रह सकी और उन्हें अपना टिकट लौटाना पड़ गया था. दरअसल, पवन सिंह को टिकट मिलते ही टीएमसी ने पवन सिंह के कुछ गानों पर सवाल उठाए थे और उन्हें बंगाली महिलाओं की अस्मिता से जोड़ दिया था. टीएमसी का कहना था कि पवन सिंह के कई गानें फूहड़ हैं और उनमें बंगाली महिलाओं को अश्लील तरीके से चित्रित किया गया है. अब जब टीएमसी ने अपनी प्रत्याशियों की सूची जारी की तो उसमें दुर्गापुर वर्धमान से कीर्ति आजाद का नाम शामिल था. इस पर भाजपा के महासचिव और आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कीर्ति आजाद से जुड़े भागलपुर के पापरी राय बोस के अपहरण केस का मुद्दा जिंदा कर दिया है. और तो और मालवीय ने कीर्ति आजाद को टिकट देने की तुलना संदेशखाली के आरोपी शेख शाहजहां को बचाने जैसा करार दिया है.
अमित मालवीय ने एक ट्वीट करते हुए कहा, यह चौंकाने वाला है कि ममता बनर्जी ने भागवत झा आज़ाद के बेटे कीर्ति आज़ाद को टिकट दिया है. भागवत झा आजाद के करीबियों ने भागलपुर में एक बंगाली हिंदू लड़की को उसके घर से अपहरण कर लिया था और उसके बाद 50,000 बंगालियों का दुखद तरीके से पलायन हुआ था. ये बंगाली पीढ़ियों से वहां रह रहे थे. अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, पापरी बोस-रॉय का भागलपुर में कीर्ति आज़ाद के पिता भागवत झा आज़ाद के करीबी राजनीतिक सहयोगियों और गुर्गों द्वारा अपहरण कर लिया गया था. तब भागवत झा मुख्यमंत्री थे और उन्होंने बंगाली लड़की को ढूंढने में कोई मदद नहीं की.
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अमित मालवीय का आरोप है कि भागवत झा आजाद ने लड़की के अपहरणकर्ताओं और बंगाली हिंदुओं को प्रताड़ित करने वालों को बचाने और भगाने में मदद की. बंगालियों के अभिशाप ने आजाद वंश को बिहार की राजनीति से मिटा दिया, लेकिन ममता बनर्जी ने बंगालियों को सताने वाले के बेटे को बर्धमान-दुर्गापुर से मैदान में उतारने का फैसला किया है. ममता बनर्जी को इसके लिए शर्म आनी चाहिए. यह संदेशखाली में हिंदुओं को प्रताड़ित करने वाले शेख शाहजहाँ की रक्षा करने जैसा ही मामला है. जाहिर सी बात है कि अमित मालवीय के इस ट्वीट के बाद से पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमा गई है.
करीब 20 साल पहले भी 2005 में यह मसला एक बार फिर सुर्खियों में आया था, जब यूपीए की ओर से पापरी राय बोस केस के आरोपी प्रवीण कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया गया था. तब भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोते हुए कहा था, इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस बेहतर राज्य की गारंटी कैसे दे सकती है. अगर कांग्रेस ने एक अपहरणकर्ता को टिकट दिया है तो इसका अंजाम आप बेहतर समझ सकते हैं. बता दें कि प्रवीण कुमार सिंह पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के करीबी सहयोगी थे. इस घटना के बाद आजाद की सरकार तुरंत गिर गई थी.
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बता दें कि कीर्ति झा आजाद 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे. संन्यास लेने के बाद वे राजनीति में आ गए और बिहार की दरभंगा सीट पर भाजपा से 3 बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. 2019 में उनका भाजपा से मोहभंग हो गया और वे कांग्रेस में शामिल हो गए. 2019 का चुनाव वे झारखंड की धनबाद सीट से लड़े और बड़े अंतर से चुनाव हार गए थे. उसके बाद कीर्ति झा आजाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कीर्ति झा आजाद को तृणमूल कांग्रेस ने वर्धमान—दुर्गापुर से टिकट दिया है.