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पटना: Bihar Political News: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच लंबे समय से जारी टकराव बिहार के शैक्षणिक वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. इसका समाधान करने के लिए शिक्षा मंत्री को यथाशीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजभवन की सहमति के बिना कुलपतियों की बैठक बुलाना और उसमें शामिल न होने वालों के वेतन रोकने -जैसी कड़ी कार्रवाई करना दुखद है. उन्होंने कहा कि स्कूल में पढाई और छुट्टी की अवधि को लेकर भी स्थिति को तनावपूर्ण बनाना उचित नहीं था.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षक संगठनों और विपक्ष की इच्छा के अनुरूप जब मुख्यमंत्री ने पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 4बजे तक विद्यालय चलाने का समय घोषित कर दिया, तब इसका अक्षरशः पालन होना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि राजभवन की मर्यादा और मुख्यमंत्री के आदेश का पालन कराना कार्यपालिका का कर्तव्य है. इसमें टकराव-अवज्ञा के लिए कोई स्पेस खोजना और फिर उसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाना किसी भी अधिकारी के लिए शोभनीय नहीं हो सकता.
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे. उनके अनुरोध को बिहार सरकार ने स्वीकार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, केंद्र में उनके पदस्थापन की सूचना के तुरंत बाद सामान्य प्रशासन विभाग उन्हें विरमित किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. गौरतलब है कि बिहार में स्कूल की टाइमिंग क लेकर काफी ज्यादा विवाद हुआ था. इसमें CM नीतीश कुमार ने सदन में कहा था कि राज्य में स्कूलों की टाइमिंग सुबह 10 बजे से चार बजे तक रहेगी. इसको लेकर वो खुद ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को बुलाकर निर्देश देंगे. इसके बाद भी इस पर कोई नया निर्देश जारी नहीं किया गया था.