Dhirendra Krishna Shastri: कांचीपुरम के वस्त्र प्रदान किए जाएंगे बागेश्वर धाम के सरकार को, 12 मई से 24 घंटे अटूट लंगर की व्यवस्था
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Dhirendra Krishna Shastri: कांचीपुरम के वस्त्र प्रदान किए जाएंगे बागेश्वर धाम के सरकार को, 12 मई से 24 घंटे अटूट लंगर की व्यवस्था

Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ परिसर में 13 मई से 17 मई तक अपना कार्यक्रम करने वाले हैं. इस दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हनुमत कथा और प्रवचन सुनाएंगे.

Dhirendra Krishna Shastri: कांचीपुरम के वस्त्र प्रदान किए जाएंगे बागेश्वर धाम के सरकार को, 12 मई से 24 घंटे अटूट लंगर की व्यवस्था

पटना:Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ परिसर में 13 मई से 17 मई तक अपना कार्यक्रम करने वाले हैं. इस दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हनुमत कथा और प्रवचन सुनाएंगे. कार्यक्रम को लेकर नौबतपुर में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. आसपास के करीब 250 गांवों के लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर जोरदार उत्साह बना हुआ है. ग्रामीण तन-मन-धन से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं.

कार्यक्रम के अनुसार, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कार्यक्रम स्थल पर जाने से पहले मठ में पधारेंगे और सबसे पहले 400 साल से स्थापित मठ में स्थापित श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण जी के अलावा हनुमान जी की प्रतिमा का दर्शन करेंगे. इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री को कांचीपुरम से मंगाए गए वस्त्र प्रदान किया जाएगा. बता दें कि मठ में स्थापित भगवान के वस्त्र भी कांचीपुरम से मंगाए जाते हैं.

कार्यक्रम के दौरान मठ प्रांगण के बाहर 24 घंटे अटूट लंगर चलाया जाएगा. कार्यक्रम में 10 लाख से अधिक लोगों के आने का अनुमान है. इसलिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि कोई भक्त भूखा न सो पाए. बताया जा रहा है कि नौबतपुर प्रखंड के करीब 250 गांवों के ग्रामीणों की ओर से दान आ रहा है. हर कोई इस कार्यक्रम के लिए कुछ न कुछ योगदान दे रहा है. ग्रामीणों को जिम्मेदारी दी गई है कि कोई भी आदमी अगर कुछ योगदान देना चाहता है तो उसे मठ तक पहुंचाने का इंतजाम किया जाए. कहा जा रहा है कि 11 मई तक गांवों से दान के रूप में अनाज पहुंच जाएंगे. 12 मई से मठ प्रांगण के बाहर अटूट लंगर की व्यवस्था कराई जा रही है.

कार्यक्रम को लेकर इतना उत्साह है कि बाहर जाने वाले लोगों ने अपने टिकट कैंसिल करवा दिए हैं. केवल तरेत पाली गांव ही नहीं, आसपास के सभी गांवों के करीब एक हजार युवा वालंटियर के रूप में मठ में कार्यक्रम के दौरान तैनात रहेंगे. चाहे लंगर की व्यवस्था हो या श्रद्धालुओं के बैठने की, वे सारी चीजों पर नजर रखेंगे. वे यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी भक्त को पार्किंग, भोजन, रहने या सोने को लेकर किसी प्रकार की दिक्कत न आए.

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