Bihar Politics: अपने ससुराल बेगूसराय में गरजे सहनी, बोले- आरक्षण के लिए कफन बांध कर निकला हूं
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Bihar Politics: अपने ससुराल बेगूसराय में गरजे सहनी, बोले- आरक्षण के लिए कफन बांध कर निकला हूं

Bihar Politics: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में रविवार को बेगूसराय जिला पहुंचे. बेगूसराय में ही मुकेश सहनी का ससुराल है.

(फाइल फोटो)

बेगूसराय: Bihar Politics: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में रविवार को बेगूसराय जिला पहुंचे. बेगूसराय में ही मुकेश सहनी का ससुराल है. बेगूसराय के लोगों ने अपने 'दामाद' का जोरदार स्वागत किया, इस दौरान युवाओं में गजब का उत्साह देखा गया.

इस यात्रा में विभिन्न स्थानों पर मुकेश सहनी ने हजारों उपस्थित लोगों के हाथ में गंगाजल देकर अपने हक और अधिकार तथा समाज की लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष करने का संकल्प दिलवाया. सहनी ने आज की यात्रा नारायण पीपर से शुरू की. यहां एक महती जनसभा को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने लोगों में जोश भरते हुए कहा कि एक निषाद का बेटा भी वोट के दम पर पीएम और सीएम बन सकता है. उन्होंने कहा कि 2020 में निषाद के बेटे की मदद से ही बिहार का मुख्यमंत्री बना, यह निषाद की ताकत है. 

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उन्होंने अपने ससुराल में गरजते हुए कहा कि आरक्षण के लिए कफन बांधकर निकला हूं और इसे ले कर रहूंगा. उन्होंने कहा कि संकल्प यात्रा को निकले अभी एक महीना ही हुआ है लेकिन दिल्ली का सिंहासन हिलने लगा. स्थिति यह हो गई जो लोग बिहार में नीतीश कुमार को फैक्टर मानते थे, वे अब सन ऑफ मल्लाह को फैक्टर मानने लगे. 

यहां से यात्रा आगे बढ़ते हुए छौड़ाही, बाड़ा, मेघौल, विश्वकर्मा चौक, चेरिया बैरियारपुर, हाई स्कूल मैदान, जयमंगला, सामुदायिक भवन, बाघा, उच्च विद्यालय, पठकौल होते हुए सिमरिया पहुंचा. इन सभी स्थानों पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने सहनी का स्वागत किया और वीआईपी तथा अपने समाज के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया.

'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित मुकेश सहनी ने बेगूसराय में उमड़ रही भीड़ के बीच दहाड़ते हुए कहा कि जो हमसे दोस्ती करेगा वह यूपी, झारखंड और बिहार में 60 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगा और जो हमसे दुश्मनी करेगा वह यह सीट हारेगा. उन्होंने कहा कि जब देश का संविधान एक है, एक प्रधानमंत्री है तो बिहार, यूपी और झारखंड के निषादों से धोखा क्यों? उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जब निषादों को आरक्षण है, तो इन राज्यों में क्यों नहीं?
Swapnil Sonal

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