सरकारी स्कूलों में शुकवार की छुट्टी को लेकर हुए विवाद पर भाजपा और जदयू आमने-सामने
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सरकारी स्कूलों में शुकवार की छुट्टी को लेकर हुए विवाद पर भाजपा और जदयू आमने-सामने

सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी का मामला अब झारखंड के बाद बिहार में तुल पकड़ता जा रहा है.

सरकारी स्कूलों में शुकवार की छुट्टी को लेकर हुए विवाद पर भाजपा और जदयू आमने-सामने

पटना : सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी का मामला अब झारखंड के बाद बिहार में तुल पकड़ता जा रहा है. बिहार के सीमांचल इलाके के कई जिलों से ऐसी खबरें आ रही हैं जहां सरकार स्कूल बिना आदेश के कई सालों से रविवार की जगह शुक्रवार को बंद हो रहे हैं और इन स्कूलों में गुरुवार को आधे दिन ही पढ़ाई होती है. ऐसे स्कूलों की संख्या सबसे ज्यादा किशनगंज जिले में बताई जा रही है. मीडिया सूत्रों की मानें तो यहां ऐसे 500 से ज्यादा स्कूल हैं. ऐसे में इसको लेकर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. 

संजय जायसवाल बोले यह भारत के संविधान का उल्लंघन 
बता दें कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों के सरकारी स्कूलों में शुकवार की छुट्टी को लेकर हुए विवाद पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है. संजय जयसवाल ने इस पूरे मामले पर कहा कि यह बिल्कुल गलत नियम है, बिहार सरकार को संज्ञान लेकर इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. जो भी इस तरह का कार्य कर रहे हैं वह भारत के संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. बिहार में जो भी नियम उल्लंघन करता है चाहे वह जिला शिक्षा पदाधिकारी ही क्यों न हो सरकार को हर हाल में संज्ञान लेकर इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. 

अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग 
उन्होंने आगे कहा कि रविवार के दिन सामान्य स्कूल में मिड डे मील बांटा जा रहा है निश्चित तौर पर यह भारत सरकार के कानून का उल्लंघन है. अगर ऐसे स्कूल शुक्रवार को बच्चों को मिड डे मिल नहीं खिला रहा है तो यह भी भारत सरकार के कानून का उल्लंघन है. इस तरह तो लोकल लोग जो चाहेंगे वही करेंगे कल को वह ब्लॉक बंद, जिला बंद शुक्रवार को करने को कहेंगे और यह कहेंगे कि हम यह परंपरा चाहते हैं तो क्या होगा. यह सब विभाजनकारी मानसिकता वाले लोगों को जमीन पर सह देना है. जो भी अधिकारी इसमें  सम्मिलित है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. 

शुक्रवार की छुट्टी का मामला लोकसभा में उठाएंगे
इस मामले को लेकर संजय जायसवाल ने कहा कि वह इस मामले को लोकसभा में उठाएंगे क्योंकि उन्होंने कहा कि बिना सरकारी बिना सांठगांठ के यह नहीं हो सकता है. अगर इस पर रोक नहीं लगाया गया तो खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. संजय जायसवाल ने आगे कहा कि मेरे अपने लोकसभा क्षेत्र में मझरिया एक गांव है जहां उर्दू स्कूल है और वहां अल्पसंख्यक बच्चे नहीं पढ़ते हैं. जब वहां पर कोई मुस्लिम बच्चा नहीं पढ़ता है फिर भी शुक्रवार को ही छुट्टी होती है या कहा जाता है यह नियम शुक्रवार का है, इसलिए छुट्टी दी जाती है. 

संयुक्त अरब अमीरात का भी संजय जायसवाल ने दिया उदाहरण
संजय जायसवाल ने आगे कहा कि संयुक्त अरब अमीरात 100% इस्लामिक देश है और वहां के शेख का इस्लाम के संस्थापक के साथ कनेक्शन है. उन्होंने 2 साल पहले नियम बदल कर शुक्रवार की जगह अवकाश को शनिवार और रविवार कर दिया है. नियम सभी के लिए सामान्य है. अगर कोई रविवार के दिन सामान्य स्कूल में मिड डे मिल बांट रहा है. निश्चित तौर पर भारत सरकार के कानून का यह उल्लंघन है. 

भाजपा नेता के सवाल पर जदयू नेता ने साधा निशाना 
वहीं रविवार के बदले शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने पर जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस ने बीजेपी के बिना नाम लिए निशाना साधा, उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, भूखमरी, भ्रष्टाचार मुद्दा क्यों नहीं है. हिंदू, मुस्लिम, सिख,  ईसाई के लिए अलग-अलग दिन बांट दिए गए हैं क्या? 

जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस ने कहा कि हम लोग जब बच्चे थे स्कूल में पढ़ा करते थे. तब सामान्य स्कूलों में शुक्रवार के दिन 1 घंटे का टिफिन का टाइम दिया जाता था. भारत धर्मनिरपेक्ष देश है. क्या यही समस्या है. बेरोजगारी, भुखमरी, भ्रष्टाचार समाप्त हो गए हैं जो यह सब नजर आ रहा है. जनता का ध्यान इन्हीं सब मुद्दों पर लगाकर इन मुद्दों से भटकाने की कोशिश करते हैं. बीजेपी स्कूल में छुट्टी को लेकर जो मुद्दा बना रही है उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. 

संजय जायसवाल के बयान पर की अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, उस पर गुलाम गौस ने कहा बहुत सारी मांगें की जाती है. इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बिहार में किसी भी कीमत पर मंदिर-मस्जिद के नाम पर चाहे धर्म के नाम पर रविवार शुक्रवार के नाम पर किसी को भी बात फैलाने का मौका नहीं दिया जाएगा. सरकार दृढ़ संकल्प है. मुस्लिमों के अधिक आबादी होने के कारण सामान्य स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने पर गुलाम गौस ने कहा इसमें कोई हर्ज की बात नहीं है अगर वह 75% आबादी है तो जनता का ख्याल रखा जा रहा है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

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