झारखंड के युवक को आईएएस की परीक्षा पास करने पर सीएम से मिला सम्माम, फिर हुआ ये खुलासा
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1279688

झारखंड के युवक को आईएएस की परीक्षा पास करने पर सीएम से मिला सम्माम, फिर हुआ ये खुलासा

सौरभ पांडेय पिछले कुछ दिनों से समाज में कई लोगों से यह कहता फिर रहा था कि उसका रैंक ठीक नहीं आया. इस कारण इस बार नौकरी ज्वाइन नहीं करेगा.

पलामू के पांडू प्रखंड का रहनेवाले सौरभ पांडेय भी यूपीएससी की तैयारी कर रहा था.

पलामू: झारखंड के पलामू निवासी एक युवक ने यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में सफल होने की फर्जी खबर पूरे राज्य में फैला दी. कामयाबी की इस झूठी सूचना के आधार पर वह एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर सम्मानित हुआ. बीते बुधवार को उसने झारखंड सरकार की ओर से आयोजित यूपीएससी के सफल अभ्यर्थियों के अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों सम्मान हासिल किया और उनके साथ रात्रि भोज में भी शामिल हुआ. 

अब खुलासा हुआ है कि कुमार सौरभ उर्फ सौरभ पांडेय नामक इस युवक ने यूपी के एक सफल अभ्यर्थी के हमनाम होने का बेजा फायदा उठाते हुए पिछले दो महीने से सोसायटी से लेकर सरकार तक भ्रमजाल फैला रखा था.

ऐसे सच आया सामने
यूपीएससी 2021 (UPSC 2021) की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की सूची में 357वां रैंक यूपी के कुमार सौरभ ने हासिल किया है. उन्हें कहीं से जानकारी मिली कि उनके नाम पर एक युवक झारखंड में राजकीय समारोह में सम्मानित हुआ है. तब इस मामले का सच सामने आया.

सूट टाई वाली फोटो की शेयर
दरअसल पलामू के पांडू प्रखंड का रहनेवाले सौरभ पांडेय भी यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. गत 30 मई को रिजल्ट आया तो उसने खुद के सफल होने की खबर फैला दी. उसने यूपीएससी मुख्यालय के पास सूट टाई वाली अपनी फोटो भी कई जगहों पर शेयर कर दी थी.

दरअसल, सौरभ पांडेय पिछले कुछ दिनों से समाज में कई लोगों से यह कहता फिर रहा था कि उसका रैंक ठीक नहीं आया. इस कारण इस बार नौकरी ज्वाइन नहीं करेगा. वह फिर से तैयारी में जुटा है और पूरा प्रयास कर रहा है कि अगली बार अच्छा रैंक ले आये.

झारखंड सरकार ने किया सम्मानित
जब मीडिया कर्मियों ने सौरभ से उसके यूपीएससी पास करने और उसके एडमिट कार्ड के बारे में जानकारी मांगी तो उसने स्वीकार कर लिया कि परीक्षा में असफल हो जाने पर उसने सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए अपने पास हो जाने की झूठी खबर फैलायी थी. झारखंड सरकार ने भी मीडिया में छपी रिपोर्ट के आधार पर उसे सम्मानित कर दिया था.

(आईएएनएस)

Trending news