Ram Mandir: बिहार के वेदाचार्य कराएंगे राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, जानें क्या है पूरा विधान?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2062329

Ram Mandir: बिहार के वेदाचार्य कराएंगे राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, जानें क्या है पूरा विधान?

Ram Mandir Pran Pratishtha: आचार्य डॉ अनयमणि त्रिपाठी को पश्चिम चम्पारण के बांसगांव परसौनी के रहने वाले हैं. इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से शुक्लयजुर्वेदाचार्य और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की है.

फाइल फोटो

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में बनकर तैयार हुए भव्य और दिव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में अब सिर्फ 6 दिन बचे हैं. आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी हैं. प्राण-प्रतिष्ठा के लिए देश-विदेश के प्रकांड विद्वानों, धर्माचार्यों व आचार्यों को अयोध्या बुलाया गया है. इसी कड़ी में बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले एक पुरोहित को भी आमंत्रण मिला है. बिहार के वैदिक विद्वान् डॉ अनयमणि त्रिपाठी को राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठान के अनुष्ठान को सम्पन्न कराने के लिए आमंत्रित किया गया है. वेदाचार्य डॉ अनयमणि त्रिपाठी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण भेजा गया है. 

आचार्य डॉ अनयमणि त्रिपाठी को पश्चिम चम्पारण के बांसगांव परसौनी के रहने वाले हैं. इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से शुक्लयजुर्वेदाचार्य और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की है. इनका पूरा परिवार पीढ़ियों से संस्कृत से जुड़ा हुआ है. डॉ अनयमणि त्रिपाठी के बडे़ भाई विनयमणि त्रिपाठी भी काशी में ही रहते हैं और वे फलित ज्योतिष व कर्मकांड के बहुश्रुत विद्वान् हैं. आचार्य डॉ अनयमणि त्रिपाठी को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में आमन्त्रित किए जाने पर पश्चिम चम्पारण के लोग काफी खुश हैं. वहीं निमंत्रण पाकर आचार्य भी काफी खुश हैं. उन्होंने खुद को काफी सौभाग्यशाली बताया है. 

ये भी पढ़ें- 'युवाओं को अक्षत नहीं नौकरी चाहिए...', RJD के एक और मंत्री का राम मंदिर पर निशाना

वैदिक मंत्रोच्चार के दौरान कुल 121 पुजारी उपस्थित रहेंगे लेकिन, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने का सौभाग्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को मिलेगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वक्त गर्भगृह में उपस्थित रहने वाले 5 लोगों में एक पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित भी हैं. इनका राम मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में चयन हुआ है. बता दें कि लक्ष्मीकांत दीक्षित के पूर्वजों में एक मशहूर पंडित गागा भट्ट भी हैं, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था. पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का परिवार कई पीढ़ियों से काशी में रह रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों ने नागपुर और नासिक की रियासतों में कई धार्मिक अनुष्ठान कराए हैं. 

Trending news