हांडी मटन बिहार की एक लजीज नॉन वेज डिश है. कहा जाता है कि यह प्रसिद्ध व्यंजन सबसे पहले बिहार के चंपारण जिले में बनाया गया था.
चंपारण मीट बनाने के लिए मांस को तेल, घी, अदरक पेस्ट, भुने हुए प्याज के मिश्रण में मैरीनेट किया जाता है. साथ ही मक्खनयुक्त सॉस में पकाया जाता है.
गोपाल कुमार कुशवाहा ने 2014 में इस मीट की शुरूआत की थी. आज यह देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों की खास पसंद बन चुका है. देश के अलग-अलग शहरों में इस मीट के 8 आउटलेट हैं, जैसे कि चंडीगढ़ में अहुना, दिल्ली में ओल्ड चंपारण मीट हाउस और बनारस में बीएचयू के पास ओल्ड मीट हाउस है.
हांडी मटन में इस्तेमाल होने वाले मसाले बाजार में मिलने वाले मसालों से पूरी तरह से अलग हैं. इन मसालों का इस्तेमाल हांडी मटन, मछली या फिर चिकन को अलग-अलग तरह से स्वादिष्ट बनाने में किया जा सकता है. ये मसाले खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं, साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं.
हांडी मटन बनाने के लिए जो मसाले इस्तेमाल होते हैं, वे मटन और चिकन जैसे भारी भोजन को जल्दी पचाने में मदद करते हैं.
प्रसिद्ध क्रिकेटर इरफान भी गोपाल के मसाले के दीवाने हैं, जिनका उन्होंने खुद 2019 में एक कमेंट्री के दौरान बताया था. देश के हर कोने से लोग हांडी मटन के मसाले गोपाल से मंगवाते हैं. इन मसालों को लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी खरीद रहे हैं.
अहुना या हांडी मटन के अलावा अब बंबू मटन भी लोगों को खासा पसंद आ रहा है. इसमें मटन की ग्रेवी को बांस में तैयार किया जाता है. इसका स्वाद बहुत अलग होता है और यह स्वास्थ्य के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है.