संदेशखाली मामले में CBI ने कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, 13 जून को होगी अगली सुनवाई
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संदेशखाली मामले में CBI ने कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, 13 जून को होगी अगली सुनवाई

Sandeshkhali : संदेशखाली मामले में सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट है. एक रिपोर्ट देखने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा की सीबीआई जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है. साथ ही बताया जा रहा है, कि अगली सुनवाई 13 जून को होगी. 

 

Sandeshkhali

High court : पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में गुरुवार (2 मई) को सुनवाई हुई है. कोर्ट ने मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को भी पार्टी बनाने की परमिशन दे दी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि CBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसे पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों से जांच में सहयोग नहीं मिल रहा है. 

 

अगली सुनवाई 13 जून को

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की बेंच ने CBI की रिपोर्ट को गोपनीय रखने की अपील भी मान ली है. बता दें, कि मामले की अगली सुनवाई 13 जून को होगी.

 

25 अप्रैल को CBI ने पहली FIR दर्ज की थी
इससे पहले 25 अप्रैल को कलकत्ता HC के आदेश के बाद CBI ने पहली FIR दर्ज की थी. इसमें 5 मुख्य आरोपियों के नाम शामिल हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच CBI को सौंप दी थी. अपने आदेश में कहा था कि CBI कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी.

संदेशखाली की महिलाओं ने 8 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था. मामले में 3 आरोपी शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार 13 मई तक कस्टडी में हैं.

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के संदेशखाली केस की जांच CBI को सौंपने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. उस पर 29 अप्रैल को सुनवाई हुई थी. SC ने दलीलें सुनने के बाद मामले को जुलाई के लिए लिस्ट कर दिया था. जस्टिस बीआर गंवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सवाल किया था कि निजी लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए राज्य सरकार ने याचिका क्यों लगाई है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली केस CBI को सौंपा था. हाईकोर्ट ने 2 मई को सुनवाई तय की थी, लेकिन इसके पहले ही ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.

 

कौन है मुख्य आरोपी शाहजहां शेख
आरोपी शाहजहां शेक संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता. 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में मजदूर था. वह भी सब्जी भी बेचता था. फिर ईंट-भट‌्ठे पर काम करने लगा. यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई. फिर सीपीएम से जुड़ा, सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में शाहजहां तृणमूल कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी से जुड़ गया. संदेशखाली के लोगों के मुताबिक, शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्‌ठे, सैकड़ों एकड़ जमीन हैं. वो 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है.

 

बता दें, कि कोरोना के दौरान कथित तौर पर हुए हजारों करोड़ रुपए के राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को बंगाल में 15 ठिकानों पर छापा मारा था. टीम नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां और शंकर अध्य के घर भी रेड डालने गई थी. इस दौरान उन पर TMC समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था. इसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे.

 

 

 

 

 

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