Anantnag Encounter: शहीद मेजर आशीष के आवास पहुंचे CM मनोहर लाल, परिजनों को मुआवजा राशि समेत पत्नी को नौकरी देने का किया ऐलान
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Anantnag Encounter: शहीद मेजर आशीष के आवास पहुंचे CM मनोहर लाल, परिजनों को मुआवजा राशि समेत पत्नी को नौकरी देने का किया ऐलान

Panipat Hindi News: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की शहीद मेजर आशीष धौंचक के परिवार को 50 लाख रुपये व पत्नी को एक नौकरी दी जाएगी.

Anantnag Encounter: शहीद मेजर आशीष के आवास पहुंचे CM मनोहर लाल, परिजनों को मुआवजा राशि समेत पत्नी को नौकरी देने का किया ऐलान

Panipat News: कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक के घर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल पहुंचे. घर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने दुख की घड़ी में परिजनों से सांत्वना प्रकट की. बता दें कि मेजर आशीष 19 राष्ट्रीय राइफल्स की सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे.

मेजर आशीष को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 15 अगस्त को सेना मेडल से सम्मानित किया था. मेजर आशीष की 2 साल की एक बेटी है, उनकी पत्नी ज्योति गृहिणी हैं. उनका परिवार अभी सेक्टर 7 में किराये के मकान में रहता है. मेजर का सपना था कि अपने खुद के घर में रहें, इसलिए उन्होंने TDI सिटी में नया घर बनवाया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहीद मेजर के पिता व पत्नी से दुख प्रकट किया. उन्होंने कहा शहीद मेजर आशीष का नाम अमर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में पार्क व मुख्य द्वार बनाने की योजना है. उन्होंने कहा कि शहीद मेजर आशीष की प्रतिमा भी लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने घोषणा की शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये व पत्नी को एक नौकरी दी जाएगी.

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बता दें कि मेजर आशीष की शादी 15 नवंबर 2015 को जींद की रहने वाली ज्योति से हुई थी. 4 महीने पहले 2 मई को आशीष अर्बन एस्टेट में रहने वाले साले विपुल की शादी में छुट्टी लेकर घर आए थे. यहां वे 10 दिन रहे और इसके बाद वह ड्यूटी पर लौट गए. उनका परिवार पहले पैतृक गांव बिंझौल में ही रहता था. हालांकि 2 साल पहले वह शहर में शिफ्ट हो गए थे.

3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर, चचेरा भाई भी मेजर
मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे. उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं. उनकी मां कमला गृहिणी और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हुए हैं. उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में मेजर है. उनकी पोस्टिंग झांसी में है, लेकिन आजकल वह पूना में ट्रेनिंग पर हैं.

लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे, प्रमोट होकर मेजर बने
आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की. 12वीं के बाद उन्होंने बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक किया. जिसके बाद वह एमटेक कर रहे थे. इसका एक साल पूरा हुआ था कि 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे.

INPUT: RAKESH BHAYANA

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