Kartik Maas 2023: कार्तिक मास का पहला दिन आज, तुलसी पूजन में बरतें सावधानी, जानें स्नान का महत्व, करें ये उपाय
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Kartik Maas 2023: कार्तिक मास का पहला दिन आज, तुलसी पूजन में बरतें सावधानी, जानें स्नान का महत्व, करें ये उपाय

Kartik Maas 2023: हिंदू धर्म का सबसे पवित्र त्योहार कार्तिक मास शुरुआत 29 अक्टूबर यानी की आज से हो गई है. 27 नवंबर तक पूरे महीने तक रहेगा. इस दौरान तीर्थ स्नान के और दान-पुण्य का काफी महत्व होता है. 

Kartik Maas 2023: कार्तिक मास का पहला दिन आज, तुलसी पूजन में बरतें सावधानी, जानें स्नान का महत्व, करें ये उपाय

Kartik Maas 2023: हिंदू धर्म का सबसे पवित्र त्योहार कार्तिक मास शुरुआत 29 अक्टूबर यानी की आज से हो गई है. 27 नवंबर तक पूरे महीने तक रहेगा. इस दौरान तीर्थ स्नान के और दान-पुण्य का काफी महत्व होता है. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के इस प्रिय महीने में व्रत तप और पूजा पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि कार्तिक मास से देव तत्व मजबूत होते हैं और इसी के साथ इस माह भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है.

ज्योतिष के अनुसार, इस महीने मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने आती हैं और अपने भक्तों पर अपनी अपार धन की वर्षा करती हैं. इस पूरे महीने में धन और धर्म से जुड़े दोनों कार्यों से जुड़े नियम है, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है. कार्तिक मास में विशेष रूप से श्रीहरि की उपासना की जाती है. साथ ही तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस बार कार्तिक का महीना 29 अक्टूबर यानी आज से शुरू हो कर 27 नवंबर 2023 तक रहने वाला है.

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तुलसी पूजन में बरतें ये सावधानी

कार्तिक मास में तुलसी पूजा करने से मां लक्ष्मी के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं की घर परिवार पर विशेष कृपा बनी रहती है. इसलिए कार्तिक मास के पहले दिन तुलसी पूजा करते वक्त कोई भी गलती ना करें. कार्तिक मास का पहला दिन रविवार यानी की आज है. ऐसे में रविवार के दिन तुलसी में जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है. साथ ही इस दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ना चाहिए.

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रविवार के दिन न करें ये गलती

रविवार के दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती हैं और इसी वजह से रविवार के दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाया जाता. इसलिए रविवार के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए.

कार्तिक मास में स्नान का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक माह में भगवान विष्णु मत्स्य के रूप में जल में निवास करते हैं. इसलिए कार्तिक माह में सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ लाभ मिलता है. ऐसा करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी पाप हमेशा के धुल जाते हैं.

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कार्तिक मास के नियम

1. तुलसी पूजाः- कार्तिक माह में तुलसी पूजा, तुलसी रोपण और तुलसी सेवन करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से तुलसी की पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती है.

2. दीपदानः- कार्तिक माह दीपदान करना बेहत शुभ माना जाता है. इस माह में नदी, पोखर, तालाब और घर के एक कोने में दीपक जलाया जाता है. ऐसा करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है.

3. जमीन पर सोनाः- कार्तिक मास के दौरान भूमि पर सोने का नियम है. भूमि पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है और अन्य विकार भी समाप्त होते हैं.

4. तेल लगाना वर्जितः- कार्तिक माह में शरीर पर तेल लगाने की मनाही होती है. सिर्फ एक बार नरक चतुर्दशी के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए.

5. दलहन खाना निषेधः- कार्तिक माह में द्विदलन यानी उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई खाने की मनाही होती है. इसके अलावा इस महीने में दोपहर में सोने को भी नहीं सोना चाहिए.

कार्तिक मास उपाय

ज्योतिष के अनुसार, कार्तिक माह में मां लक्ष्मी की कृपा के लिए दीपावली जैसा बड़ा त्योहार मनाया जाता है. इस माह में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ये उपाय जरूर करना चाहिए. कार्तिक मास के दौरान रोज शाम के वक्त भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की संयुक्त पूजा करनी चाहिए.

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