Oxytocin Milk News: हाईकोर्ट में दाखिल कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन डेयरी कॉलोनियों में ऑक्सीटोसिन दूध सफेद प्लास्टिक बोतल में रेड और सिल्वर कैप वाली बोतल में मिलता है. कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक मवेशियों को ऑक्सीटोसिन इसलिए दिया जाता है कि वो दूध देने को तैयार हो सके,
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Delhi News: दिल्ली की डेयरियों में ऑक्सीटोसिन का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है जो न केवल पशुओं की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है, बल्कि इसका सेवन करने वाले लोगों की सेहत के लिए भी खतरनाक है. ये खुलासा दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में किया है.
हाईकोर्ट में दाखिल कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन डेयरी कॉलोनियों में ऑक्सीटोसिन दूध सफेद प्लास्टिक बोतल में रेड और सिल्वर कैप वाली बोतल में मिलता है. कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक मवेशियों को ऑक्सीटोसिन इसलिए दिया जाता है कि वो दूध देने को तैयार हो सके, साथ ही इनके दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सके.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए अपने आदेश में कहा कि ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल पशुओं के लिए क्रूरता है. इस लिहाज से ये पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के सेक्शन 12 के तहत संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोल विभाग को कहा है कि वो हर हफ्ते डेरियों का निरीक्षण करें और ये सुनिश्चित करें कि ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल के हर मामले में केस दर्ज हो. इस तरह के मामलों में जांच की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को होगी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के खुफिया विभाग से कहा है कि ऑक्सीटोसिन के उत्पादन के सोर्स और पैकिंजिंग और वितरण में शामिल लोगों का पता करें और कानून के मुताबिक कार्रवाई करें.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने ये आदेश सुनैना सिब्बल और बाकी लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. याचिका में दिल्ली में डेयरियों में पशुओं की दयनीय हालत का जिक्र करते हुए इसके लिए ऑथोरिटी को निर्देश देने की मांग की गई थी. मार्च 2023 में हाईकोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर की नियुक्त की. कोर्ट कमिश्नर को राजधानी में 9 डेयरी की खस्ता हालत का निरीक्षणकर कोर्ट को रिपोर्ट देनी थी.
कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में सभी 9 नामित डेयरी की हालत खराब है. कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में ककरोला डेयरी, गोयला डेयरी, नांगली-शकरावती डेयरी, झड़ौदा डेयरी, भलस्वा डेयरी, गाजीपुर डेयरी, शाहबाद-दौलतपुर डेयरी, मदनपुर खादर डेयरी और मसूदपुर डेयरी की हालत खराब बताई है. कोर्ट ने कहा कि गाजीपुर और भलस्वा डेयरी को तो तुरंत शिफ्ट किए जाने की जरूरत है क्योंकि यह सैनिटरी लैंडफिल साइट के एकदम नजदीक है. जाहिर है कि लैंडफिल साइट के नजदीक होने की वजह से यहां रखे जाने वाले मवेशी गंदी चीजों को खाते हैं और इनके दूध का अगर इस्तेमाल किया जाता है तो उसका लोगों, विशेषकर बच्चों की सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है. इसलिए इन डेयरी को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की जरूरत है.
कोर्ट ने कहा कि डेयरी को ऐसी जगह पर शिफ्ट किए जाने की ज़रूरत है, जहां पर सीवेज, ड्रेनेज का उचित सिस्टम हो. इसके साथ ही मवेशियों के चरने का उचित प्रबंध हो. हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस तरह का कोई बाध्यकारी निर्देश जारी करने से पहले वो संबंधित अधिकारियों का पक्ष जानना चाहेगा कि कैसे इन निर्देशों पर अमल किया जा सकता है. कोर्ट ने इसके लिए एमसीडी कमिश्नर, एमसीडी पशु चिकित्सा, चीफ सेकट्री, सीईओ (DUSIB), CEO(FSSAI)को कहा है कि 8 मई को होने वाली अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े.
Input: Arvind Singh
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