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Indian Railway: बिना AC के ऐसे ठंडे रहते थे रेलवे कोच, जानिए भारत की पहली AC ट्रेन के बारें में

कभी कोयले से चलने वाली ट्रेन आज बिजली से दौड़ रही है. पिछले 2 दशकों में भारतीय रेलवे में यात्री सुविधाओं को लेकर कई बड़े बदलाव हुए हैं. जनरल, स्लीपर और एयर कंडीशन कोच और भी बेहतर होते जा रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत की सबसे पहली एसी ट्रेन कौन-सी थी?

एसी कोच

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एसी कोच

रेलवे से रोजाना करोड़ों लोग यात्रा करते हैं. गर्मी के मौसम में बिना एसी कोच के ट्रेन का सफर करना बहुत मुश्किल होता है. भारतीय रेलवे की ट्रेनों में आज अलग-अलग श्रेणी के एसी कोच होते हैं. लेकिन एसी से पहले ट्रेन कैसे ठंडी रहती थी? 

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भारत में रेलवे का इतिहास 150 से ज्यादा साल पुराना है. इस लंबे वक्त में भारतीय रेल पूरी तरह से बदल गई है. कभी कोयले से चलने वाली ट्रेन आज बिजली से दौड़ रही है. पिछले 2 दशकों में भारतीय रेलवे में यात्री सुविधाओं को लेकर कई बड़े बदलाव हुए हैं. जनरल, स्लीपर और एयर कंडीशन कोच और भी बेहतर होते जा रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत की सबसे पहली एसी ट्रेन कौन-सी थी?

पहले का एयरकंडीशनिंग सिस्टम

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पहले का एयरकंडीशनिंग सिस्टम

साउथ वेस्टर्व रेलवे की फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, ट्रेन को ठंडा रखने के लिए बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल होता था. उन दिनों की एयरकंडीशनिंग सिस्टम में बर्फ के ब्लॉकों को ट्रेन की बोगी के नीचे बने सीलबंद पात्र में रखा जाता था.

वेंट से आती थी हवा

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वेंट से आती थी हवा

बैटरी से चलने वाला ब्लोअर लगातार इन सिल्लियों में हवा फेंकता था, और ठंडी हवा वेंट के माध्यम से ट्रेन के अंदर आया करती थी.  ट्रेन को इस तरह ठंडा रखना एक चुनौती हुआ करती थी. रेलवे लाइन पर कई बार ट्रेन को रोककर बर्फ के ब्लॉकों को भरा जाता था.  

 

पहली एसी ट्रेन

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पहली एसी ट्रेन

‘द फ्रंटियर मेल’ भारत की पहली एयर कंडीशन ट्रेन थी, जिसमें 1934 में एसी कोच जोड़ा गया था. हालांकि, इस ट्रेन की शुरुआत 1 सितंबर 1928 में हुई थी, उस वक्त इसका नाम पंजाब मेल था. वर्ष 1934 में जब इसमें एसी कोच जोड़ा गया तो नाम बदलकर फ्रंटियर मेल कर दिया गया. यह ट्रेन आज भी यात्री सेवा में है और 1996 में इसका नाम बदलकर गोल्डन टेंपल मेल कर दिया गया.