Sustainability Summit 2023: 2070 तक 'नेट जीरो' तक पहुंचने के लिए उद्यमियों ने रखा रोडमैप, इलेक्ट्रिक वीकल और ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल पर दिया जोर
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Sustainability Summit 2023: 2070 तक 'नेट जीरो' तक पहुंचने के लिए उद्यमियों ने रखा रोडमैप, इलेक्ट्रिक वीकल और ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल पर दिया जोर

Sustainability summit 2023: पर्यावरण को लेकर भारत काफी गंभीर है. भारत का लक्ष्य है कि 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल कर ले. इसके लिए ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक एनर्जी के इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है. दिल्ली में स्थिरता शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश के तमाम बड़े उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया.

Sustainability Summit 2023: 2070 तक 'नेट जीरो' तक पहुंचने के लिए उद्यमियों ने रखा रोडमैप, इलेक्ट्रिक वीकल और ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल पर दिया जोर

Sustainability summit 2023: पर्यावरण को लेकर भारत काफी गंभीर है. भारत का लक्ष्य है कि 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन (Net Zero Emissions) हासिल कर ले. इसके लिए ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक एनर्जी के इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है. भारत अपने लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकता है. इसके लिए दिल्ली में स्थिरता शिखर सम्मेलन (sustainability summit) का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश के तमाम बड़े उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया.

बता दें कि कार्यक्रम में जोमैटो के प्रमुख स्थिरता अधिकारी अंजली कुमार ने कहा कि हम 2033 तक नेट जीरो को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जोमैटो का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बेहतर खाना परोसा जाए. 2033 तक नेट जीरो को हासिल करने के लिए हम इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को बढ़ावा दे रहे हैं. दिल्ली और बेंगलुरू में 5 में से एक डिलीवरी EV से होती है. हम इसको और बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इसे बढ़ाने के लिए हमारे पास 26,000 ईवी बेस्ट डिलीवरी पार्टनर हैं और 70 से ज्यादा पार्टनरशिप हैं.

वहीं लुफ्थांसा ग्रुप में साउथ एशिया की जनरल मैनेजर (सेल्स) संगीता शर्मा ने कहा कि स्थिरता हमारे डीएनए में है. हम 2050 तक कार्बन मुक्त होने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कार्बन मुक्त फ्यूल के लिए करोड़ों रुपये का निवेश कर रहे हैं. हमारा ग्रुप ऐसे एयरक्राफ्ट में इंवेस्ट कर रहा है, जिससे कम प्रदूषण होता है. बताते चले कि केंद्र सरकार जलवायु परिवर्तन को लेकर काफी गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया है.

इतना ही नहीं पीएम मोदी हर मंच से जलवायु को सुरक्षित करने की अपील करते हैं. इसके लिए वह दुनियाभर के नेताओं से काम और सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. कार्बन मुक्त होने के लिए पीएम मोदी ने पंचामृत कार्य योजना के अंतर्गत अपने अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य बनाया है.

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