Digital Beggar: नहीं रहा देश का पहला डिजिटल बेगर राजू, बेतिया में डिजिटल QR Code से मांगता था भीख
Advertisement
trendingNow12242228

Digital Beggar: नहीं रहा देश का पहला डिजिटल बेगर राजू, बेतिया में डिजिटल QR Code से मांगता था भीख

Bettiah News:  राजू, बिहार के बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते थे. उनके गले में लटका क्यूआर कोड उनकी पहचान बन गया था. आज उनकी मौत की खबर सुनकर अक्सर उनकी मदद करने वाले लोग भी दुखी हैं. वो उसकी बातों को याद कर रहे हैं.

Digital Beggar: नहीं रहा देश का पहला डिजिटल बेगर राजू, बेतिया में डिजिटल QR Code से मांगता था भीख

Digital Beggar Raju Died: बिहार (Bihar) के बेतिया में ऑनलाइन भीख मांगकर गुजर बसर करने वाले राजू की मौत हो गई. राजू खुद को देश का पहला डिजिटल भिखारी मानते थे. राजू को अपने स्तर पर डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनने पर गर्व था. राजू बिहार के बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते थे. बेतिया के डेली पैसेंजर हो या स्टेशन का चक्कर लगाने वाले लोग सब राजू को पहचानते थे. राजू के गले में लटका डिजिटल क्यू आर कोड (Digital QR Code) उनकी पहचान बन गया था. ये उनकी वो आइडेंडिटी थी, जिसने उन्हें देशभर में मशहूर कर दिया था.

यूं तो देश में भिखारियों की संख्या का कोई अधिकारिक आंकड़ा नहीं है. भिखारी अक्सर गली-चौराहों के अलावा मंदिर, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के बाहर भीख मांगते हैं. लेकिन बिहार के बेतिया रेलवे स्टेशन पर 32 सालों से भीख मांगने वाले राजू की कहानी कुछ अलग थी. जमाना बदला तो राजू ने भी खुद को समय के हिसाब से डेवलप किया. ऐसे में राजू ने भीख मांगने के तरीके को बदलकर देश के उन चंद भिखारियों में शामिल हो गया था, जो खुद को डिजिटल भिखारी कहते हैं.

गूगूल पे से भीख लेता था राजू

गले में लटका, फोन पे, गूगल पे और पेटीएम के ऑप्शन वाला बार कोड. हाथ में टेबलेट. यही पहचान थी बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाले राजू की. राजू बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रशंसक था. लालू को पापा बोलने वाला राजू, पीएम मोदी के 'मन की बात' के एपिसोड सुनता था.

ये भी पढ़ें- Arvind Kejriwal को 1 जून तक मिली अंतरिम जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

हार्ट अटैक से मौत

अक्सर राजू की आर्थिक मदद यानी उन्हें भीख देने वाले लोग राजू की मौत से दुखी है. उन्हें राजू का स्वभाव अच्छा लगता था. जिन लोगों ने राजू को कभी भी कुछ डोनेट नहीं किया उन्हें भी राजू की कमी खल रही है. जिस तरह से डेली पैंसेजर्स किसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर स्टाल लगाने वालों और कुलियों को जानने पहचानने लगते हैं, उसी तरह बेतिया जिले के डेली पैसेंजर राजू को पहचानने लगे थे. वो भी राजू की मौत पर दुखी नजर आए. राजू की मौत हार्ट अटैक से हुई. जीएमसीएच में राजू ने आख़िरी सांस ली.

पीएम मोदी से ली प्रेरणा और लालू का जबरा फैन

राजू क्युआर कोड टैब माइक से भीख मांगते थे. प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित होकर उसने डिजिटल तरिके से भीख मांगना सबसे पहले शुरू किया था. बेतिया रेलवे स्टेशन बस स्टैंड स्टेशन चौक पर भीख मांगने वाला राजू लालू यादव का जबरा फैन था. राजू अपने आप को लालू यादव का बेटा बतलाता था. जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उसके लिए रेलवे कैंटीन से राजू के लिए दोनों वक़्त का खाना मिलता था. जीएमसीएच में राजू कों देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी हैं.

Trending news