Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के एक सरकारी अस्पताल को गैंगस्टरों ने निशाना बनाया था. इस मुठभेड़ में सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) परिसर में पुलिस और गैंगस्टरों के बीच जमकर फायरिंग हुई थी.
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PSI Deepak Sharma News: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कठुआ में मंगलवार रात पुलिस और गैंगस्टरों के बीच हुई गोलीबारी (Kathua encounter) में जम्मू-कश्मीर पुलिस (Police) के जवान दीपक शर्मा जख्मी हो गए थे. इलाज के लिए उन्हें फौरन कठुआ स्थित सरकारी अस्पताल में ले जाया गया था. वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. आज न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश की जनता उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए माटी के इस लाल की शहादत पर गर्व कर रही है.
सदमें में परिजन लेकिन शहादत पर गर्व
दीपक शर्मा के बलिदान को हर कोई याद कर रहा है. परिजन भले ही सदमें मे हैं. लेकिन उन्हें भी बेटे के जुनून पर गर्व है. दीपक को जब आखिरी सलामी दी जा रही थी. उस गमगीन माहौल में जब भारी मन से जब उनकी रोती-बिलखती पत्नी और माता-पिता जिला पुलिस लाइन में अपने लाड़ले शहीद नायक को श्रद्धांजलि देने पहुंचे, तो वहां पर मौजूद सभी लोग भावुक हो गए.
पत्नी की आंखों में आंसू और माता-पिता का हाल था ऐसा
गहरे दुख में डूबी दीपक की पत्नी के कांपते हाथ पुष्पांजलि के लिए लाए गए फूल साध नहीं पा रहे थे. जब उन्हें पति के ताबूत के पास ले जाया गया तो वह खुद को रोक नहीं पाईं. उनकी आखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. उनके बगल में दीपक शर्मा के माता-पिता भी खड़े थे. वो भी अपने कांपते हाथों से बेटे को छूना चाह रहे थे.
कौन थे दीपक शर्मा?
32 साल के प्रोबेशनर सब-इंस्पेक्टर दीपक शर्मा का निधन हो गया था. दीपक, उधमपुर जिले के संगूर गांव के रहने वाले थे और सांबा जिले के रामगढ़ पुलिस स्टेशन में तैनात थे. दीपक ने मंगलवार देर रात सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल कठुआ परिसर के अंदर गैंगस्टरों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवा दी थी. मुठभेड़ के दौरान उनके सिर पर चोटें आईं जो घातक साबित हुईं. इस एनकाउंटर में बदमाशों का एक साथी और मोस्ट वांटेड अपराधी, वासुदेव, जो 'शन्नू गिरोह' का लीडर था वो मारा गया, जबकि दीपक उस समय हुई गोलीबारी में घायल हो गए थे.
जैसे ही शहीद अधिकारी का पार्थिव शरीर जिला पुलिस लाइन में लाया गया, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक, आर आर स्वैन अन्य रैंक के अफसरों के साथ पुष्पांजलि समारोह में शामिल हुए. पुलिस अधिकारी को विदाई देते समय लोगों की आंखें नम थीं.