Chhattisgarh News: नगर पालिका की लापरवाही! जहां होती है पूजा वहीं जलाए जाते हैं शव
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Chhattisgarh News: नगर पालिका की लापरवाही! जहां होती है पूजा वहीं जलाए जाते हैं शव

Balrampur News: बलरामपुर में नगर पालिका की लापरवाही का मामला सामने आया है. आपको बता दें कि शहर में अब तक एक सुव्यवस्थित मुक्तिधाम नहीं बन पाया है.

 

Chhattisgarh News: नगर पालिका की लापरवाही! जहां होती है पूजा वहीं जलाए जाते हैं शव

Chhattisgarh News In Hindi: बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित मुक्तिधाम नगर पालिका की लापरवाही के कारण अपनी दुर्दशा के आंसू रो रहा है. दरअसल, यहां कोई सुव्यवस्थित मुक्तिधाम नहीं होने के कारण शहरवासियों को छठ पूजा घाट में ही शव जलाना पड़ता है. जिससे शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब इस मामले में कलेक्टर ने कहा है कि जल्द ही मुक्तिधाम की व्यवस्था की जाएगी. 

जहां होती है पूजा वहीं जलाए जाते हैं शव
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिला मुख्यालय में आज तक मुक्तिधाम की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण शव को सेंदुर नदी घाट पर जलाया जाता है और छठ पूजा भी यहीं की जाती है. बरसात और गर्मी के दिनों में शवों को जलाने से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. करीब तीन साल पहले नगर पालिका द्वारा सेंदुर नदी के पास मुक्तिधाम के निर्माण में सिर्फ खानापूर्ति की गई थी, जिसमें किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई. अब मुक्तिधाम मवेशियों का अड्डा बन गया है.

कलेक्टर ने दिया आदेश
नगर पालिका की लापरवाही के कारण मुक्तिधाम अब बदहाली का शिकार है. यहां पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं. शहरवासियों को छठ घाट पर शव जलाना पड़ता है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि मुक्तिधाम के अभाव में शव भी उसी स्थान पर जलाए जाते हैं जहां पूजा की जाती है, जो नगर पालिका की लापरवाही को साफ दर्शाता है. अब इस मामले में कलेक्टर ने नगर निगम अधिकारियों को जिला मुख्यालय में मुक्तिधाम की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है.

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गौरतलब है कि पिछले 20 सालों में बलरामपुर की आबादी कई गुना बढ़ गई है. वर्ष 2003 में बलरामपुर को नगर पंचायत बनाया गया था. वर्ष 2014 में यह नगर पालिका बन गया. लेकिन यह शहर का दुर्भाग्य है कि शहर में अब तक एक सुव्यवस्थित मुक्तिधाम नहीं बन सका है. अब भी बलरामपुर के निवासी सेंदुर नदी में शव जलाने को मजबूर हैं. बरसात के मौसम में शहरवासियों की परेशानी अधिक बढ़ जाती है. स्थानीय लोगों ने कई बार जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों से मुक्तिधाम निर्माण की मांग की.

 

रिपोर्ट- शैलेंद्र सिंह

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