Aaj ki Dharmik kahani: भगवान राम के जीवन से जुड़ी कई कहानियां प्रसिद्ध है. ऐसी ही एक कहानी है जब वो वन चले जाते हैं तो उनके भाई भरत नंदीग्राम में कुटिया बनाकर रहने लगते हैं. इसके बाद उनकी पत्नि मांडवी से जब माता कौशिल्या पूछती हैं कि क्यों रनिवास में नहीं गई तो उन्होंने ये वजह बताई.
रानी कैकेयी के वरदान मांगने के बाद भगवान राम लक्ष्मण और सीता वन को चले जाते हैं.
जिस समय भगवान राम को वनवास मिलता है, उस समय उनके छोटे भाई भरत अपने मामा के घर गए हुए थे.
वहां से लौटने के बाद जब उन्हें ये जानकारी मिली तो वो काफी दुखित हुए और भगवान राम को मनाने की कई कोशिश किए लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही.
इसके बाद वो वापस लौटकर अयोध्या आए और अयोध्या से बाहर नंदीग्राम में कुटिया बनाकर रहने लगे.
एक बार उनकी पत्नि मांडवी छत पर टहल रही थी तभी माता कौशिल्या ने उनसे पूछा कि इतनी रात को छत पर क्यों टहल रही हो, जाकर रनिवास (रानी का कमरा) में आराम करो भरत इंतजार कर रहा होगा.
माता कौशल्या के इस वचन के बाद मांडवी ने कहा कि वो तो यहां रहते ही नहीं उन्होंने कहा है कि जब तक भैया जंगल में रहेंगे तब तक मैं भी अयोध्या में नहीं रहूंगा.
तब माता कौशिल्या ने पूछा कहां हैं भरत उसके बाद मांडवी ने बताया कि उन्होंने अयोध्या के बाहर नंदीग्राम में एक कुटिया बनाया है जहां वो रहते हैं.
इसके बाद कौशिल्या माता ने उनसे पूछा कि तुम्हें क्यों नहीं लेकर गया. तब मांडवी ने कहा कि मैं तो कह रही थी कि मैं भी साथ चलूंगी.
मगर उन्होंने मना करते हुए कहा कि भईया राम और भाभी सीता वन चले गए हैं. इस वजह से घर की बड़ी बहू तुम हो और सभी मांओ की जिम्मेदारी तुम पर है.
इसके बाद कौशिल्या ने कहा कि जाकर सो जाओ, तब मांडवी ने कहा कि अभी वहां दीपक जल रहा है जब दीपक बुझ जाएगा तो समझ आ जाएगा कि वो सोने जा रहे हैं तब मैं भी जाकर सो जाऊंगी.
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