MP की सियासी-पार्टियों को मालवा-निमाड़ की चिंता! जानिए क्यों BJP-कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है JYAS?
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MP की सियासी-पार्टियों को मालवा-निमाड़ की चिंता! जानिए क्यों BJP-कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है JYAS?

Madhya Pradesh Chhattisgarh Politics: साल के अंत में होने बाले विधाससभा चुनाव को लेकप बीजेपी कागेस पूरी तैयारियों में जुडी है तो चलिए आपको आज बताते हैं कि जयस राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों का खेल भी बिगाड़ सकती है.

Madhya Pradesh Chhattisgarh Politics

प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले चुनाव (MP Election 2023) की तैयारियों में सभी प्रमुख दल लगे हुए हैं. बीजेपी अपने गढ़ को वापस हासिल करने में जुटी है तो वहीं कांग्रेस पार्टी 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को 2023 में बरकरार रखने की प्लानिंग में है. हालांकि, जयस के यहां सक्रिय होने से दोनों पार्टियों की चिंता बढ़ गई है. 

जानें क्यों मालवा-निमाड़ एमपी की सत्ता का रास्ता?
मालवा-निमाड़ के 15 जिले इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, देवास, नीमच और आगर में 66 विधानसभा सीटें हैं. मालवा निमाड़ को एमपी की सत्ता का रास्ता कहा जाता है. यहीं से होकर एमपी की सत्ता का रास्ता जाता है. यह रास्ता बीजेपी के लिए दुर्गम, जबकि कांग्रेस के लिए सुगम 2018 विधानसभा चुनाव में हुआ था. लिहाजा कांग्रेस पार्टी मालवा-निमाड़ में बढ़त बनाये रखने जबकि बीजेपी अपने गढ़ को वापस हासिल करने में जुटी हैं.

मालवा-निमाड़ को लेकर बीजेपी के शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि भाजपा के लिए हर एक संभाग महत्वपूर्ण है. मालवा निमाड़ में 2018 में हमारी कम सीटें आई थीं. हम इस क्षेत्र को लेकर रणनीति बना रहे हैं. 2023 में हमें बढ़त मिलेगी जो कारण हमारी पिछड़ने के 2018 में रहे उन पर बीजेपी काम कर रही है.

मालवा-निमाड़ में BJP की शिकस्त होगी:कांग्रेस
बीजेपी पर पलटवार कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 2018 की तरह 2023 में भी मालवा निमाड़ में बीजेपी को शिकस्त देगी युवा महिला हर एक वर्ग कांग्रेस से जुड़ गया है.

क्यों दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ सकती है जयस
बता दें कि मालवा निमाड़ में जयस तकरीबन डेढ़ दर्जन आदिवासी आरक्षित सीटों पर एक्टिव हैं. यही वजह है कि बीजेपी का 2018 में खेल बिगड़ गया था. गौरतलब है कि मालवा-निमाड़ क्षेत्र में अच्छी खासी आदिवासियों की संख्या है और जयस की बात करें तो यह मुख्य रूप से आदिवासियों का संगठन है और 2018 के मुकाबले 2023 आते-आते जयस पहले से ज्यादा मजबूत हुई है. इसी के चलते अभी हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में जयस के कई प्रत्याशी चुनाव जीत थे तो इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव में जयस खासकर मालवा-निमाड़ में गेमचेंजर साबित हो सकती है.चूंकि मालवा निमाड़ को सत्ता की राह कहा जाता है. इसलिए जयस राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों का खेल भी बिगाड़ सकती है.

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