Bhutadi Amavasya: भूतड़ी अमावस्या के रोज मध्य प्रदेश के तमान नदीं के घाटों में लोगों की भीड़ देखने को मिली. इस दौरान बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बीतों को मेला लगा. वहीं प्रदेश भर में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. हालांकि, कुछ स्थानों पर अंधविश्वास का खेल भी देखने को मिला.
भौमवती अमावस्या यानी भूतड़ी अमावस्या के मौके पर उज्जैन के केडी पैलेस समीप 52 कुंड पर भूतों का मेला लगा. इसके चलते बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों के साथ 52 कुंड में स्नान करने पहुंचे. पुलिस व प्रसाशनिक अमला भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा में चप्पे चप्पे पर तैनात रहा और गहरे पानी मे जाने से लोगो को रोक रहा है.
52 कुंड के मेले में अजीबो गरीर सीन देखने को मिलता है. यहां कोई अपनी जीभ तलवार से काटता दिखाई देता है तो कोई जोर-जोर से चिल्ला रहा होता है. किसी को जंजीर से बांध कर रखा जाता है तो कोई तलवार ले कर चिल्ला रहा है. मान्यता है कि एक डुबकी से सभी कष्ट दूर करने के लिए 52 कुंड में भूतड़ी अम्मावस्या पर डुबकी लगाई जाती है. यहां स्नान करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
हंड़िया नेमावर में स्थित नाभि कुंड पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा. नर्मदा नदी के घाट पर भूत-प्रेत और व्याधियां उतारने लोग दूर दूर से यहां आए और नाभि कुंड में डुबकी लगाने पहुंचे. इसी के साथ नर्मदा नदी की पूजा, चुनरी चढ़ाने के साथ पर्व शुरू हुआ. जिला प्रशासन की ओर से खास सुरक्षा व्यवस्था भी की गई थी. ताकि श्रद्धालु स्वच्छ जल में नहान कर सकें.
खरगोन जिले के बडवाह नर्मदा तट खेड़ी घाट पर भूतड़ी अमावस्या पर हजारो श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई. नावघाट खेडी तट पर तंत्र मंत्र की क्रियाओं के साथ साथ भूत प्रेत बाधा से ग्रस्त हजारों लोग पहुंचे.
इस दौरान अंध विश्वास का भी खेल देखने को मिला जहां एक महिला ने तलवार को अपनी जीभ पर रख ली. अब इसे आस्था कहा जाए या अंधविश्वास पर नर्मदा तट पर बड़ी संख्या में ओझा झाड़ फूंक करने पहुंच गए थे.
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, इस अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. यह तिथि पितरों की समर्पित है. इस दिन दान-धर्म करने से देवताओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही अमावस्या के दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने का विशेष महत्व होता है.
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