Mehbooba Mufti Statement: महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर ये जताने की कीशिश की है कि पाकिस्तान से बात के बिना घाटी में शांति नहीं हो सकती है. हालांकि, भारत का स्टैंड साफ है कि आंतकवाद रोके बिना पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी.
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India-Pakistan Peace Talks: पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एक बार फिर से पाकिस्तान (Pakistan) की वकालत की है. महबूबा ने दलील दी है कि पाकिस्तान से बात के बिना कश्मीर में शांति नहीं हो सकती है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी के लोगों की आवाज है कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान दोनों को समझाना होगा ताकि अमन हो सके. बता दें कि महबूबा मुफ्ती अपने पिता और पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की बरसी पर उनकी कब्र पर पहुंची थीं और तब ये बड़ी बात कही.
पिता की बरसी पर क्या बोलीं महबूबा?
पिता की बरसी के मौके पर महबूबा ने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद से कुछ तो सीखिए. उन्होंने अलगवादियों को भी रास्ता दिया ताकि वो इज्जत के साथ मुल्क में जिंदा रह सकें. मुफ्ती साहब ने कभी गलत बात नहीं की. उन्होंने हमेशा एक ही झंडे को थामा. लेकिन कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को बाइज्जत अमन चाहिए. मगर हम सरेंडर नहीं करेंगे. हम सफेद झंडा नहीं उठाएंगे.
अमन के लिए पाकिस्तान से बातचीत क्यों?
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि अगर आप इज्जत से बात करेंगे तो हम भी आपकी इज्जत करेंगे. मगर अगर आप डंडे से बात करेंगे, जैसा आपने बफलियाज में किया तो वो नहीं चलेगा. पाकिस्तान और हिंदुस्तान दोनों मसले को समझें और मिलजुल कर चलें ताकि जम्मू कश्मीर में अमन हो सके.
महबूबा ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
महबूबा ने कहा कि मैं दिल्ली वालों से कहना चाहती हूं कि नार्थ ईस्ट में आपने मिलिटेंट्स से बात की. लेकिन यहां आपने आम लोगों को मिलिटेंट बना दिया है. रोज पकड़-धकड़ होती है. जेलें भर दी हैं. रोज एनआईए और ईडी के छापे पड़ते हैं. क्या अपने लोगों के साथ यह करते हैं?
बड़े नेता की पीडीपी में एंट्री
बता दें कि मुफ्ती मोहम्मद सईद की बरसी पर पीडीपी से दूरी बना चुके जम्मू कश्मीर के बड़े नेता मुजफ्फर बेग भी पहुंचे थे. वो फिर से अपनी पत्नी के साथ पीडीपी में शामिल हो गए. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें पुरानी बातें भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए. मुजफ्फर बेग और उनकी पत्नी का पार्टी में फिर से स्वागत है.