Churu News: फिर गहराया 26 साल पुराना गोगामेड़ी जमीन विवाद, सुलह कराने में जुटा प्रशासन
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Churu News: फिर गहराया 26 साल पुराना गोगामेड़ी जमीन विवाद, सुलह कराने में जुटा प्रशासन

Churu News: राजस्थान के चूरू के निकटवर्ती कस्बा रतननगर में 26 साल पुराना गोगामेड़ी जमीन का विवाद एक बार फिर तुल पकड़ लिया है. वहीं, पुलिस दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों की जांच कर रही है. 

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Rajasthan News: चूरू के निकटवर्ती कस्बा रतननगर में 26 साल पुराना गोगामेड़ी जमीन का विवाद उस वक्त गहरा गया, जब एक पक्ष के द्वारा उक्त जमीन पर पट्टियां और तारबंदी करने का प्रयास किया गया, जबकि दूसरे पक्ष के द्वारा उक्त भूमि पर चार दीवारी का निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा थी. दोनों पक्षों के बीच माहौल तनावपूर्ण होने से पहले ही प्रशासन और पुलिस का जाब्ता मौके पर पहुंचा और दोनों पक्षों को वार्ता के लिए बुलाया. दोनों पक्षों की रतननगर पुलिस थाने में समझाइश की जा रही है, जबकि मौके पर पुलिस जाप्ता तैनात है. 

गोगामेड़ी जमीन विवाद का मामला
मामले की सूचना के बाद गोगामेड़ी परिसर में लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई. एसडीएम बिजेन्द्र सिंह और डीएसपी सुनील झाझड़िया के द्वारा दोनों पक्षों की वार्ता करवाई जा रही है. दो समुदाय से जुड़े इस मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन भी गंभीर दिखाई दिया. हालांकि, एक पक्ष के द्वारा चेतावनी दी गई है कि यदि न्यायपूर्ण तरीके से सुनवाई नहीं हुई, तो आर पार की लड़ाई लड़ेंगे. गोगामेड़ी जमीन विवाद का मामला न्यायालय में भी विचाराधीन बताया जा रहा है. 

दोनों पक्षों के दस्तावेजों की हो रही जांच 
एक पक्ष ने आरोप लगाते हुए बताया कि गोगामेड़ी की जमीन पर दूसरे पक्ष ने ना केवल रास्ता निकाल लिया, बल्कि रातों रात दरवाजा निकाल लिया गया. जिसका विरोध करने के बाद उसके सामने पट्टियां लगा दी गई. उन्होंने बताया कि गोगामेड़ी 262 गुणा 262 जमीन है, जिस पर लंबे समय से एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि जमीन नगर पालिका की है. एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद रेवेन्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचे है, जहां प्रारंभिक तौर पर सामने आया कि जमीन नगर पालिका क्षेत्राधिकार में है. मगर कानून और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए दोनों पक्षों की सुनवाई की जा रही है. इसके साथ ही दोनों पक्षों के दस्तावेजों को भी देखा जा रहा है. किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा. यहां आकर पता लगा है कि 1998 से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिनके पूरे दस्तावेज देखे जाएंगे. 

रिपोर्ट:- नवरतन प्रजापत

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