Rajasthan News:पूरी तरह डिजिटल होगी विधानसभा,केंद्र और राज्य सरकार के बीच डिजिटाइजेशन के लिए होगा MOU
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Rajasthan News:पूरी तरह डिजिटल होगी विधानसभा,केंद्र और राज्य सरकार के बीच डिजिटाइजेशन के लिए होगा MOU

Rajasthan News:राजस्थान विधानसभा को पूरी तरह पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इस कड़ी में केन्द्र और राज्य सरकार के साथ विधानसभा ने एक एमओयू किया है. इस ट्राय-पार्टी एमओयू के तहत विधानसभा के डिजिटाइजेशन में होने वाले खर्चे का 60 फ़ीसदी पैसा केन्द्र सरकार देगी.

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Rajasthan News:राजस्थान विधानसभा को पूरी तरह पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इस कड़ी में केन्द्र और राज्य सरकार के साथ विधानसभा ने एक एमओयू किया है. इस ट्राय-पार्टी एमओयू के तहत विधानसभा के डिजिटाइजेशन में होने वाले खर्चे का 60 फ़ीसदी पैसा केन्द्र सरकार देगी,जबकि 40 फ़ीसदी पैसा राजस्थान सरकार से आएगा.

स्पीकर वासुदेव देवनानी ने बताया कि इस काम के तहत सभी विधायकों की सीट पर ही कम्प्यूटर लगाया जाएगा.इसके तहत काम लिये जाने वाले नेशनल ई-विधान एप्प की ट्रेनिंग भी विधायकों के साथ ही विधानसभा स्टाफ को भी दी जाएगी.

राजस्थान विधानसभा को डिजिटल किये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.इसके तहत हेने वाले काम की डीपीआर.यानि डिटेल्ड प्रोजक्ट रिपोर्ट तैयार होने के बाद एमओयू पर भी दस्तखत हो गए हैं. यह एमओयू तीन पक्षों में हुआ है.

ट्राई-पार्टी एमओयू में केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार के साथ ही राजस्थान विधानसभा की तरफ़ से एमओयू साइन किया गया है.
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने बताया कि केन्द्र सरकार की राज्य की विधानसभाओं को डिजिटल बनाये जाने के लिए "वन नेशन-वन एप्लीकेशन" के तहत नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है. नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन.यानि नेवा से अब राजस्थान विधानसभा का सदन और सचिवालय डिजिटल हो जायेगा. इससे विधानसभा और सचिवालय की कार्यवाही पेपरलैस हो जायेगी.

देवनानी ने बताया कि इस ई- विधान एप्लीकेशन से राज्य विधानसभा के विधायकों और अधिकारियों को काम करने में आसानी होगी. इस एप्लीकेशन से विधानसभा के सदन से जुड़े विधेयक, रिपोर्टस और दूसरे दस्तावेजों की जानकारी मीडिया के साथ रीसर्चर भी ले सकेंगे. विधानसभा की कार्यवाही पेपरलैस होने से स्टेशनरी की बचत भी होगी. 

ई- विधान एप्स एंड्रॉयड और आई.ओ.एस. दोनों तरह के मोबाइल पर चल सकेगा. यह ऐप ई-बुक और वेबसाइट पर भी मिलेगा. नेवा के तहत सदन की कार्यवाही विवरण, सदन में रखे जाने वाले पेपर्स, विधेयक से संबंधित जानकारी, समितियों की रिपोर्ट, प्रश्न और उनके जवाब, बुलेटिन, कार्यवाही विवरण, डिजिटल लाईब्रेरी, सूचनाएं और सदस्यों से संबंधित जानकारी एक ही एप्लीकेशन में उपलब्ध होगी.

इस एमओयू के तहत केन्द्र और राज्य सरकार 60-40 के अनुपात में पैसा देंगी.यानि 60 फ़ीसदी बजट केन्द्र तो 40 फ़ीसदी पैसा राज्य सरकार देगी. यह पूरी मदद चार किश्तों में जारी होगी. स्पीकर ने बताया कि विधानसभा में नेवा के लिए ई लर्निंग कम ई-फैसिलेशन सेन्टर की स्थापना की जायेगी. 

जिससे विधायकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को नेता मॉड्यूल्स की ट्रेनिंग दी जा सके.इसकी ट्रेनिंग विधायकों को हिन्दी और अंग्रेजी के साथ आठवीं अनुसूची में शामिल क्षेत्रीय भाषाओं में भी दी जा सकेगी.

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