Pratapgarh News: वाटर होल पद्धति आधारित किया जाएगा वन्यजीव आंकलन, चार साल बाद इस बार होगी गणना
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Pratapgarh News: वाटर होल पद्धति आधारित किया जाएगा वन्यजीव आंकलन, चार साल बाद इस बार होगी गणना

Pratapgarh latest News: प्रतापगढ़ जिले में वन विभाग की ओर से जंगल में वन्यजीवों की गणना इस बार चार वर्ष बाद होगी. इसके लिए विभाग की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. इसके साथ ही कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. गत वर्षों में मौसम प्रतिकूल रहने के कारण वन्यजीव गणना नहीं हो सकी. ऐसे में इस वर्ष वन विभाग की ओर से 23 मई को सुबह 8 बजे वाटर होल पद्धति से वन्यजीवों की गणना शुरू होगी. 

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Pratapgarh latest News: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में वन विभाग की ओर से जंगल में वन्यजीवों की गणना इस बार चार वर्ष बाद होगी. इसके लिए विभाग की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. इसके साथ ही कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. गत वर्षों में मौसम प्रतिकूल रहने के कारण वन्यजीव गणना नहीं हो सकी. ऐसे में इस वर्ष वन विभाग की ओर से वैशाख पूर्णिमा पर 23 मई को सुबह 8 बजे वाटर होल पद्धति से वन्यजीवों की गणना शुरू होगी. 

वन्यजीवों की गणना 24 मई सुबह 8 बजे तक चलेगी. इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके तहत गणना सटीक हो और निर्बाध तरीके से इसे संपन्न किया जा सके. इसके लिए पूरी गाइड लाइन जारी कर दी गई है. प्रतापगढ़ जिले के वन विभाग और सीतामाता अभयारण्य में 139 वाटर होल पर गणना की जाएगी.

जिले के प्रमुख सीतामाता अभयारण्य में कुल 66 वाटर होल पर वन्यजीवों की गणना की जाएगी. इसके तहत अभयारण्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जाखम रेंजर सेामेश्वर त्रिवेदी ने बताया कि उपवन संरक्षक वन्यजीव सोनल जोरिहार के निर्देश पर एक दिवसीय वन्यजीव संख्या आकलन कार्यशाला वन्यजीव रेंज जाखम एवं वन्यजीव धरियावद की संयुक्त रूप से वन नाका ग्यासपुर में हुई. 

कार्यशाला में कर्मचारियों को जानकारी दी गई. जिसमें बताया कि 23 मई सुबह आठ बजे से 24 मई सुबह 8 बजे तक अभयारण्य में 66 वाटर होल पर वन्यजीव गणना की जाएगी. वाटर होल गणना पद्धति के बारे में कैमरा ट्रेप के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. इसके साथ ही पग मार्क पहचान विधि के बारे में भी जानकारी दी गई. जिले के संरक्षित वन क्षेत्र में कुल 73 वाटर होल पर गणना की जाएगी. इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया. 

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सहायक वन संरक्षक दिलीप सिंह गौड़ ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें कर्मचारियों को किस तरह से गणना करनी है. क्या-क्या सावधानी बरतनी है इस बारे में जानकारी दी. गणना से पहले वाटर हाल पर मचान बनाने का कार्य पूरा करें. इसमें ट्रेप कैमरे के बारे में भी जानकारी दी गई.

वन विभगा की ओर से की जा रही वन्यजीवों की गणना में वैसे सभी प्रजातियों के वन्यजीवों पर फोकस रहेगा. लेकिन इसमें मुख्यत: बाघ, जरख, सियार, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, सियागोश, चौसिंगा, जंगली सुअर, उड़न गिलहरी, सेही, सारस, गिद्ध की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां, उल्लू की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां शामिल हैं. वन जीव गणना में मांसाहारी, शाकाहारी और रेप्टाइल्स तीन श्रेणियां में गणना की जाएगी.

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