Supreme Court News: जर्मनी से ज्यादा लोग मेरे होम स्टेट में रहते हैं... SC में धड़ाम हुई प्रशांत भूषण की दलील
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Supreme Court News: जर्मनी से ज्यादा लोग मेरे होम स्टेट में रहते हैं... SC में धड़ाम हुई प्रशांत भूषण की दलील

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने जर्मनी का उदाहरण दिया था. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने उनसे कहा कि 'जर्मनी से ज्यादा आबादी तो मेरे गृह राज्य - पश्चिम बंगाल - की है.'

Supreme Court News: जर्मनी से ज्यादा लोग मेरे होम स्टेट में रहते हैं... SC में धड़ाम हुई प्रशांत भूषण की दलील

Supreme Court On EVM-VVPAT Issue: सुप्रीम कोर्ट में वीवीपैट मामले पर सुनवाई चल रही है. मंगलवार को, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दलीलें सुनीं. सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की एक दलील अदालत को जरा भी रास नहीं आई. भूषण याचिकाकर्ताओं की तरफ से VVPAT पर्चियों के 100% मिलान की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूरोप के कई देश फिर से बैलट पेपर वाले सिस्टम की ओर मुड़ चुके हैं. भूषण अदालत को यह समझाना चाह रहे थे कि कैसे यूरोपीय देशों ने ईवीएम अपनाई, लेकिन अब फिर पेपर बैलट से चुनाव कराने लगे हैं. भूषण ने खासतौर पर जर्मनी का नाम लिया. इस पर जस्टिस दत्ता ने उनसे पूछा कि जर्मनी की आबादी कितनी है. भूषण ने कहा कि जर्मनी की आबादी करीब 5 करोड़ है जबकि भारत में 50-60 करोड़ वोटर्स हैं. तब जस्टिस दत्ता ने कहा, 'मेरे गृह राज्य पश्चिम बंगाल की जनसंख्या जर्मनी से कहीं ज्यादा है. हमें किसी पर तो भरोसा करना होगा. इस तरह सिस्टम को गिराने की कोशिश न करें. ऐसे उदाहरण मत दीजिए. यहां यूरोपीय उदाहरण काम नहीं करेंगे.'

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि भारत में 97 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं. उन्होंने बैलट पेपर वाली व्यवस्था की खामियों पर बात की. जस्टिस खन्ना ने कहा, 'हम 60s में पहुंच चुके हैं. हम सभी को पता है कि जब बैलट पेपर्स थे, तब क्या हुआ था. आप भले ही भूल गए हों लेकिन हम नहीं.'

सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम और वीवीपैट का मामला

भूषण इस मामले में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश हुए थे. उन्होंने अदालत में कहा, 'हम पेपर बैलट पर वापस जा सकते हैं. दूसरा विकल्प यह है कि वोटर्स के हाथ में VVPAT पर्ची दी जाए.' भूषण ने एक रिसर्च पेपर का जिक्र करते हुए EVM से छेड़छाड़ की संभावना जाहिर की.

याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने कहा कि EVMs से पड़े वोटों का VVPAT पर्चियों से मिलान होना चाहिए. जस्टिस खन्ना ने उनसे पूछा, 'आप कह रहे हैं कि 60 करोड़ VVPAT पर्चियों की गिनती होनी चाहिए?' जज ने कहा कि इंसान के दखल से मशीन में दिक्कत आ सकती है. बिना इंसानी दखल के मशीनें आमतौर पर सही नतीजें देती हैं.

सिस्टम को गिराने की कोशिश न करें... SC में EVM पर सुनवाई की 5 बड़ी बातें

EVM से जुड़ी तमाम आशंकाएं जाहिर किए जाने पर अदालत ने चुनाव आयोग से सारी जानकारी मांग ली है. कोर्ट ने EVM की स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन से लेकर चुनाव में इस्तेमाल का पूरा ब्योरा तलब किया है. जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ पर सख्त सजा का प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि 'सजा का डर होना चाहिए'

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