Bhadohi Lok Sabha Seat: मोदी लहर से अब तक भदोही सीट पर 'साइकिल-पंजा' नहीं कस पाए 'शिकंजा', सपा-कांग्रेस गठबंधन से क्या बीजेपी की हैट्रिक पर लगेगा ब्रेक?
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Bhadohi Lok Sabha Seat: मोदी लहर से अब तक भदोही सीट पर 'साइकिल-पंजा' नहीं कस पाए 'शिकंजा', सपा-कांग्रेस गठबंधन से क्या बीजेपी की हैट्रिक पर लगेगा ब्रेक?

Bhadohi Lok Sabha Seat: भदोही सीट पर पहली बार 2009 में आम चुनाव हुए थे. जिसमें बसपा के टिकट से गोरखनाथ त्रिपाठी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे.

Bhadohi Lok Sabha Chunav 2024

Bhadohi Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देशभर में तैयारियां जारी है. 13-14 मार्च के करीब इलेक्शन कमीशन आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक साधने की जुगत में हैं. बीजेपी जहां हैट्रिक लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. वहीं, विपक्षी दल भी उलटफेर करने की रणनीति बना रहे हैं. यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. भदोही उन संसदीय क्षेत्रों में से एक है. इसे संत रविदास नगर के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में आज हम आपको भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और उसके सियासी समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइये जानते हैं...

कालीन नगरी नाम से है प्रसिद्ध
भदोही जिला गंगा नदी के मैदानी इलाकों में स्थित है, जो जिले की दक्षिण-पश्चिम सीमा का निर्माण करता है. इसके उत्तर में जौनपुर जिला, पूर्व में वाराणसी जिला, दक्षिण में मिर्जापुर जिला और पश्चिम में प्रयागराज जिला है. यह शहर कालीन निर्माण और हस्तकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है. इसे कालीन नगरी के नाम से भी जाना जाता है. इसका मुख्यालय ज्ञानपुर है. 

2009 में अस्तित्व में आई थी भदोही सीट 
भदोही सीट पर पहली बार 2009 में आम चुनाव हुए थे. जिसमें बसपा के टिकट से गोरखनाथ त्रिपाठी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर इस सीट पर भी दिखा. भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त चुनाव जीकर सांसद बने थे. 2019 में भारतीय जनता पार्टी से रमेश बिंद चुनाव जीते थे. 

पहले मिर्जापुर-भदोही सीट पर प्रत्याशी को चुनती थी जनता 
इससे पहले भदोही की जनता मिर्जापुर-भदोही के नाम से मौजूद सीट के उम्मीदवारों को वोट देते थे. कांग्रेस के जॉन एन विल्सन मिर्जापुर-भदोही सीट 1952 और 1957 में यहां से सांसद बने. 1962 में श्याम धर मिश्र ने जीत हासिल की. 1967 में जनसंघ के वंश नारायण सिंह जीते. इसके बाद कांग्रेस के अजीज इमाम यहां से सांसद बने. इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में यहां जनता पार्टी के फकीर अली अंसारी सांसद बने. 

1980 में अजीज इमाम दोबारा जीत हासिल की. इसके बाद अगले साल उपचुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस के ही उमाकांत सांसद बने. 1984 में उमाकांत दोबारा जीते. 1989 में जनता दल के युसूफ बेग चुनाव जीते. 1991 में दोबारा चुनाव हुआ और भाजपा के वीरेंद्र सिंह ने यह सीट जीती. इसके बाद 1996 में फूलन देवी सांसद बनीं. 1998 में फिर चुनाव हुए और वीरेंद्र सिंह मस्त चुनाव जीते. 
एक साल बाद 1999 में फूलन फिर चुनाव जीत गईं. इसके बाद 2022 में रामरति बिंद सांसद बने. 2004 के चुनाव में बसपा के नरेंद्र कुशवाहा सांसद बने. 

जातीय समीकरण 
साल 2011 की जनगणना के अनुसार, कुल आबादी 1,578,213 है. भदोही जिले में पुरुषों की संख्या 807,099 और महिलाओं की संख्या 771,114 है. यहां हिंदुओं की 53 % और मुसलमानों की 45 % आबादी है. इस सीट पर पिछड़ों की संख्या सबसे ज्यादा है. उसके बाद ब्राह्मण, दलित, अल्पसंख्यकों की संख्या है. 

ब्राह्मण: 3 लाख 15 हजार
बिंद: 2 लाख 90 हजार
दलित: 2 लाख 60 हजार 
मुस्लिम: 2 लाख 50 हजार 
यादव: 1 लाख 40 हजार
ठाकुर: एक लाख
मौर्या: 95 हजार 
पाल: 85 हजार 
पटेल: 75 हजार 
वैश्य: 1 लाख 40 हजार  
अन्य: डेढ़ लाख 

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