Lok Sabha Election 2024: फर्रुखाबाद चुनाव में मुकेश राजपूत को क्या हैट्रिक से रोक पाएंगे सपा के नवल किशोर या बसपा करेगी क्रांति
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Lok Sabha Election 2024: फर्रुखाबाद चुनाव में मुकेश राजपूत को क्या हैट्रिक से रोक पाएंगे सपा के नवल किशोर या बसपा करेगी क्रांति

UP Lok Sabha Election 2024: 13 मई को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए मतदान होना है. इस चरण में उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर वोट डाले जाएंगे जिनमें एक सीट फर्रुखाबाद भी है. आइए जाने कि इस सीट का समीकरण कैसा रहने वाला है. (Farrukhabad Lok Sabha Seat)

UP Lok Sabha Election 2024, Farrukhabad Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण के लिए आने वाले 13 मई को मतदान किया जाएगा. इस फेज में 10 उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला किया जाएगा. इनमें अकबरपुर, बहराइच, इटावा समेत एक सीट फर्रुखाबाद भी जहां पर जनता अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए मतदान करने वाली है. चलिए जानते हैं कि फर्रुखाबाद में किनके किनके बीच मुकाबला होने वाला है. 

कौन कौन है इस सीट से उम्मीदवार
साल 2014 से फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी का ही कब्जा रहा है. मुकेश राजपूत यहां से दो बार से सांसद हैं और पार्टी ने मुकेश राजपूत पर एक बार फिर दांव लगाया है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सपा के डॉ. नवल किशोर शाक्य पर भरोसा किया है. वहीं बीएसपी ने क्रांति पांडे को इस सीट से उतारा है.

हैट्रिक के करीब बीजेपी उम्मीदवार मुकेश राजपूत 
फर्रूखाबाद जिला पंचायत के अध्‍यक्ष पद को मुकेश राजपूत ने साल 2000 से लेकर 2005 तक संभाला. साल 2014 में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें फर्रूखाबाद से टिकट दिया और फिर जीत के बाद साल 2019 में भी टिकट दिया. इस तरह मुकेश राजपूत दूसरी बार सांसद बने और अब तीसरी बार चुनाव मैदान में है. मुकेश राजपूत कृषि संबंधी स्‍थायी समिति, परामर्शदात्री समिति, खाद्य प्रसंकरण उद्योग मंत्रालय के मेंबर भी रहे हैं. 

नवल किशोर शाक्य का चुनावी सफर  
नवल किशोर शाक्य पेशे से एक कैंसर सर्जन हैं और हमेशा से जरूरतमंदों की मदद के लिए जाना जाता है. लखनऊ और कायमगंज में उनके कैंसर अस्पताल भी मौजूद हैं. पहले नवल किशोर शाक्य बसपा में थे, साल 2018 के बाद उन्होंने सपा का दामन थाम लिया. स्वामी प्रसाद मौर्य के दामाद भी रहे हैं पर स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्या से उनका आगे चलकर तलाक हो गया. फर्रुखाबाद में पहले ही बीजेपी का दबदबा रहा है. जिसे तोड़ने की चुनौती शाक्य के सामने हैं. 

बीएसपी उम्मीदवार क्रांति पांडेय 
बीएसपी ने फर्रुखाबाद से क्रांति पांडेय को उम्मीदवार बनाया है जोकि कांग्रेस सेवादल के जिला संगठक के साथ ही यूएनएसआइ के जिलाध्यक्ष भी रह चुके है. एक बार बद्रीविशाल डिग्री कालेज में उन्होंने छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा पर हार गए. पेशे क्रांति पांडेय व्यावसायी है और कांग्रेस के पूर्व विधायक पं. विमल प्रसाद तिवारी के करीब के तौर पर इनके पिता ब्रजेश पांडेय को जाना जाता है. क्रांति पांडेय कांग्रेस में बहुत समय एक्टिव नहीं थे. हालांकि अब बतौर बीएसपी उम्मीदवार क्रांति पांडेय के कंधों पर पार्टी को इस सीट से जीत दिलाने की जिम्मेदारी है. 

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निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी
फर्रुखाबाद
महिला मतदाता- 778822
पुरुष मतदाता- 929686
कुल मतदाता- 1708585

फर्रुखाबाद लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम
मुकेश राजपूत- वोट 569880, वोट %- 33.35%, जीत
मनोज अग्रवाल- वोट 348178, वोट %- 20.38%, हार

जातीय समीकरण
उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद लोकसभा सीट हमेशा से चर्चा का विषय बनी रही है. यहां का जातीय समीकरण ये है कि यह सीट पिछड़ा बहुल सीट मानी जाती है जहां पर निर्णायक भूमिका में शाक्य, लोध, राजपूत, ब्राह्मण व यादव मतदाता होते हैं. फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर शाक्य वोटरों की संख्या भी लगभग डेढ़ लाख है. लोध मतदाताओं की संख्या यहां पर डेढ़ लाख है. यहां पर लगभग 1,80,000 ब्राह्मण व राजपूत वोटर हैं. 

कभी था कांग्रेस का गढ़
एक समय था जब कांग्रेस के गढ़ के तौर पर फर्रुखाबाद की पहचान हुआ करती थी, आठ बार इस सीट को कांग्रेस ने जीता है. चार बार बीजेपी ने और दो समाजवादी पार्टी ने यहां से चुनाव जीता है. एक बार जनता दल की जीत हुई है तो वहीं एक बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की है. साक्षी महाराज भी यहां से 1996 और 1998 में यहां से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, फिलहाल मौजूदा समय में वे बीजेपी के उन्नाव से सांसद है.

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