Pradosh Vrat 2024: फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब करें? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
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Pradosh Vrat 2024: फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब करें? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व है और इस दिन व्रत का संकल्प करना तो और भी शुभ माना गया है. पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है.

pradosh vrat (फाइल फोटो)

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व है और इस दिन व्रत का संकल्प करना तो और भी शुभ माना गया है. पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है. प्रदोष व्रत वाले दिन लोग व्रत रखते हैं और भोलेबाबा की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं. इस व्रत का संकल्प करने से शिवजी को प्रसन्न किया जा सकता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद पाया जा सकता है. जीवन के सभी कष्टों का नाश होने लगता है. त्रयोदशी तिथि के दिन अगर प्रदोष काल में माता पार्वती व शिव जी की पूजा अर्चना की जाए तो किसी भी पूजा से इस पूजा का कई गुना लाभ मिलता है. 

इस साल फरवरी महीने में पड़ने वाले दूसरे प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में आइए जान लें. 

फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत 2024
इस साल के फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत आने वाले 21 फरवरी 2024, बुधवार को पड़ रहा है. त्रयोदशी तिथि बुधवार को होने पर इसे बुध प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता है. व्रत रखकर पूजा करने से इस दिन शिवजी के साथ ही गणेशजी की भी पूजा अर्चना की जाती है जिससे भक्तों पर कृपा बरसती है. 

बुध प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
पंचांग पर ध्यान दे तो माघ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है. 22 फरवरी 2024 को दोपहर 01 बजकर 21 मिनट पर तिथि का समापन हो रहा है. शिव पूजा का समय जान लें- तो आप शाम 06 बजकर 15 मिनट से लेकर रात के 08 बजकर 47 मिनट तक भगवान की पूजा कर सकते हैं. 

बुध प्रदोष व्रत का पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं और स्नान-ध्यान कर लें, पावन प्रदोष व्रत का संकल्प करते हुए पूरे मन से शिवजी की का पूजा करें. 
दिन के समय शिवजी का मनन करें व कीर्तन करके शाम के समय फिर स्नान करें व सूर्यास्त के समय जब प्रदोषकाल हो तो शिवजी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें. 
प्रदोष व्रत की इस दिन कथा जरूर सुनें या पढ़ें. 
इस दिन उत्तर-पूर्व की दिशा में कुश के आसन पर बैठें और शिवजी की पूजा अर्चना करें. 
प्रदोष व्रत का संकल्प लें तो शिवजी की पूजा में जरूर 'ऊं नम: शिवाय:' मंत्र का माला जाप करें. 
जलाभिषेक करें और इस दौरान 'ऊं नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. 
शिवजी की बेल पत्र, गंगाजल, अक्षत व धूप-दीप आदि सामग्री से पूजा अर्चना करें.

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