Mangalwar Upay: मंगलवार को करें ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ, दूर हो जाएगा आर्थिक संकट
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2050120

Mangalwar Upay: मंगलवार को करें ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ, दूर हो जाएगा आर्थिक संकट

आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. आज दिन मंगलवार है. हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन बजरंगबली और मंगल ग्रह को समर्पित होता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं. इसके साथ ही जातक मंगल दोष से मुक्ति के लिए उपाय भी करते हैं.

Rinmochan Mangal Stotram

Mangalwar Ke Upay: आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. आज दिन मंगलवार है. हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन बजरंगबली और मंगल ग्रह को समर्पित होता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं. इसके साथ ही जातक मंगल दोष से मुक्ति के लिए उपाय भी करते हैं. मंगल ग्रह को शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और पराक्रम का स्वामी और नवग्रहों का सेनापति माना गया है. मंगल ग्रह को प्रसन्न कर आप कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं. अगर आप भी आर्थिक संकट से मुक्ति पाना चाहते हैं तो मंगलवार को इससे जुड़ा एक उपाय कर सकते हैं. इस दिन पूजा के दौरान ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें. यह स्तोत्र मंगल ग्रह से संबंधित है. इसके साथ ही आर्थिक संकट भी दूर कर सकते हैं. 

॥ ऋणमोचन मंगल स्तोत्र ॥
मंगलो भूमिपुत्रश्चऋणहर्ता धनप्रद:।
स्थिरासनो महाकाय:सर्वकामविरोधक:॥1॥
लोहितो लोहिताक्षश्चसामगानां कृपाकर:।
धरात्मज: कुजो भौमोभूतिदो भूमिनन्दन:॥2॥
अङ्गारको यमश्चैवसर्वरोगापहारक:।
वृष्टे: कर्ताऽपहर्ता चसर्वकामफलप्रद:॥3॥
एतानि कुजनामानिनित्यं य: श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्यधनं शीघ्रमवाप्नुयात्॥4॥
धरणीगर्भसम्भूतंविद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं चमङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥5॥
स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभि:।
न तेषां भौमजा पीडास्वल्पापि भवति क्वचित्॥6॥
अङ्गारक महाभागभगवन् भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय:॥7॥
ऋणरोगादिदारिद्रयंये चान्ये चापमृत्यव:।
भयक्लेशमनस्तापानश्यन्तु मम सर्वदा॥8॥
अतिवक्रदुराराभोगमुक्तजितात्मन:।
तुष्टो ददासि साम्राज्यंरुष्टो हरसि तत्क्षणात्॥9॥
विरञ्चि शक्रविष्णूनांमनुष्याणां तु का कथा।
तेन त्वं सर्वसत्वेनग्रहराजो महाबल:॥10॥
पुत्रान्देहि धनं देहित्वामस्मि शरणं गत:।
ऋणदारिद्रयदु:खेनशत्रुणां च भयात्तत:॥11॥
एभिर्द्वादशभि: श्लोकैर्य:स्तौति च धरासुतम्।
महतीं श्रियमाप्नोतिह्यपरो धनदो युवा॥12॥
॥ इति श्रीस्कन्दपुराणे भार्गवप्रोक्तं
ऋणमोचन मंगल स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

Trending news