पहले क्यों होता था 10 महीने का एक साल?, इन देवताओं के नाम से पड़े 12 महीनों के नाम
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पहले क्यों होता था 10 महीने का एक साल?, इन देवताओं के नाम से पड़े 12 महीनों के नाम

हम सबको हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से महीनों के नाम याद हों न हों. अंग्रेजी के महीनों के नाम हम सबको याद रहते हैं. जनवरी, फरवरी, मार्च. स्कूल की शुरूआती कक्षाओं में ही हमें ये नाम याद करवा दिए जाते हैं. लेकिन हम में से बहुत कम लोग जानते हैं कि इन महीनो का नामकरण आखिर हुआ कैसे. यहां इस लेख में हम बता रहे हैं इसकी पूरी कहानी.

 

File Photo

Facts Behind Months Name: क्या आपने कभी सोचा है कि बिना कैलेंडर के हमारी जिंदगी कैसी होती. हम अपने छोटे से छोटे काम का याद रखने के लिए कैलेंडर की मदद लेते हैं. आज क्या वार है, कौन सी डेट है. आज कोई खास दिन तो नहीं है. इन सबकी जानकारी के लिए कैलेंडर का होना बहुत जरूरी है और कैलेंडर पर लिखे महिनों का भी हमारी जिंदगी में बहुत महत्व है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन महिनों के नाम कैसे पड़े. किसने इनका नामकरण किया. तो जानते हैं कैसे 12 महीनों का नाम पड़ा. 

Facts Behind Months Name: जनवरी का नाम रोम के देवता जेनस के नाम पर पड़ा. पहले सर्दियों के इस महीने को जेनस कहते थे. बाद में यह जनुअरी और हिंदी में जनवरी हो गया. रोम में मान्यता है कि भगवन जेनस के दो चेहरे हैं ऐसे ही जनवरी माह भी पिछले और अगले दोनों वर्षों को देखता है. 

फरवरी का नाम भी रोम की देवी 'फेब्रुएरिया' के नाम पर है. कहते हैं इस देवी कि पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है. इस महीने रोम में इस देवी की पूजा की जाती थी.

मार्च का नाम भी रोमन देवता वार- मार्स के नाम पर पड़ा. यहां सर्दियां बीत जाने पर पडोसी देशों पर आक्रमण किया जाता था. जीत के लिए भगवन मार्स की पूजा होती थी.

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लेटिन भाषा का शब्द है एप्रिलिस. इसका मतलब है खिलना या खुलना. इस महीने रंग बिरंगे फूल खिलते हैं. एक मत ये भी है कि रोमन देवी एक्रिरीटे का एक नाम एप्रिलिस है, यह उर्वरता की देवी है. एप्रिलिस नाम बाद में केवल अप्रैल बोला जाने लगा. 

मई रोम देवता मरकरी की माता के नाम से जुड़ा है. मरकरी देव की मां मैयस ने नाम पर इस महीने का नाम पड़ा. मेयस बाद में केवल मई रह गया.

जून का नाम रोम देवी जूनो के नाम पर पड़ा. जूनो रोम देवता जीयस की पत्नी हैं. 

जुलाई का नाम किसी देवता के नाम पर नहीं बल्कि रोमन राजा जूलियस सीजर के नाम पर पड़ा. जूलियस का जन्म और मृत्यु इसी महीने में हुई थी. 

इसी तरह अगस्त का नाम भी जूलियस सीजर के भतीजे सम्राट ऑगस्टस सीजर के नाम पर पड़ा. 

सितंबर का नाम लेटिन शब्द सेप्टेम से बना है, सेप्टेम का मतलब है सातवां. रोम में सितंबर को सप्टेम्बर कहा जाता है. जब जुलाई और अगस्त नहीं थे तब सितम्बर सातवां महीना था. 

अक्टूबर महीने का नाम लेटिन के आक्टो शब्द से लिया गया है ऑक्टो का मतलब है आठवां. 

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नवंबर लेटिन के नोवज शब्द से लिया गया है. लेटिन में नोवज का अर्थ है नौवां. पहले यह ग्याहरवां नहीं नौवां महीना था. 

लैटिन शब्द डेसेम से बना शब्द डेसेम्बर. डेसेम का मतलब है दसवां. बाहरवां महीना दिसंबर पहले  दसवां माह था. 

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